बहन गोल्डी ने की मजदूरी तो बुलंदशहर का पवन खरीद पाया किताबें और तैयारी कर निकाल ली सिविल सेवा

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UPSC Achiever Pawan Kumar Story: कहते हैं कि हौसलों में दम हो तो विपरित परिस्थितियों में भी रास्ता मिल ही जाता है. ऐसी ही एक कहानी है बुलंदशहर के रहने वाले पवन कुमार की, जिन्होंने परिवार की आर्थिक हालत खराब होने के बावजूद भी UPSC की सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 239वीं रैंक हासिल की है. हालांकि पवन की ये कामयाबी अकेले की नहीं है. इसके पीछे उनके पूरे परिवार ने काफी संघर्ष किया है. खासतौर पर पवन की बहन गोल्डी ने, जिसने खेत में मजदूरी करके पवन को किताब दिलाने में मदद की. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि पवन की इस कामयाबी में उनकी बहन गोल्डी के साथ-साथ पूरे परिवार ने मेहनत की है.


भाई को किताब दिलाने के लिए बहन ने की मजदूरी

बुलंदशहर के एक छोटे से गांव रघुनाथपुर के रहने वाले पवन एक गरीब परिवार से आते हैं. परिवार में माता-पिता के साथ तीन बहनें हैं. बता दें कि पवन का पूरा परिवार एक कच्चे मकान में रहता है जिसकी छत तिरपाल की है. गरीबी का आलम यह है कि पिता और बहनों ने मजदूरी कर पैसे जमा किए ताकि पवन के लिए किताबों का इंतजाम किया जा सके. मगर अब पवन की कामयाबी से घर में जश्न का माहौल है और उनकी मेहनत की नजीर दी जा रही है.

बिजली नहीं आती, चूल्हे पर बनता है खाना

आपको बता दें कि पवन के परिवार के पास बिजली का कनेक्शन तो है, लेकिन गांव में बिजली आपूर्ति की कमी रहती है. UPSC में सफलता प्राप्त करने वाले पवन की मां और बहन जंगल से लकड़ियां लाकर चूल्हे पर खाना बनाती हैं. जानकारी मिली है कि पवन के परिवार को उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर तो मिल गया था, लेकिन गैस भरवाने के पैसों का इंतजाम नहीं हो सका और यही कारण की खाना चूल्हे पर बनता है.

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कहां हुई पवन की पढ़ाई?

पिता ने बताया कि पवन ने शुरुआती पढ़ाई नैनीताल से की. इसके बाद 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई बुलंदशहर के बुकलाना स्थित नवोदय विद्यालय में हुई. फिर उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उसके बाद दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तैयारी की. दो वर्ष कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने अपने रूम पर रहकर सेल्फ स्टडी की. इस समय पवन की उम्र करीब 24 साल है.

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