चंदौली: उफान पर गंगा नदी, बाढ़ के पानी में डूबी सब्जियों की फसल, किसान बेहाल
पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा नदी उफान पर है. गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका…
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पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा नदी उफान पर है. गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका असर आम जनजीवन पर भी पड़ने लगा है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी गंगा नदी उफान पर है. हालांकि अभी रिहायशी इलाकों में तो पानी नहीं आया है, लेकिन नदी के किनारे सब्जी की खेतों में पानी भर जाने की वजह से सैकड़ों एकड़ सब्जी की फसल खराब हो गई है.
यह तस्वीर पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के दीनदयाल नगर तहसील के सहजोर गांव की है. दरअसल, इन दिनों गंगा नदी में बाढ़ आई हुई है और गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. चंदौली में भी गंगा नदी तकरीबन 100 किलोमीटर के आसपास तक बहती है. नदी के किनारे बसने वाले कई दर्जन ऐसे गांव हैं, जहां के किसान नदी किनारे स्थित अपने खेतों में सीजनल सब्जी की खेती करते हैं. यही नहीं इन खेतों में किसान अपने पशुओं के लिए चारा भी उगाते हैं. लेकिन गंगा नदी के बढ़ते हुए जलस्तर ने चंदौली जनपद के दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों की सब्जी की फसल को अपनी जद में ले लिया है.
गंगा नदी में आई बाढ़ की वजह से इन किसानों की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है और यह किसान अब त्राहिमाम कर रहे हैं. चंदौली के छेमिया गांव के रहने वाले किसान चमन चौहान ने गंगा नदी किनारे स्थित अपने डेढ़ बीघे खेत में सब्जी की फसल लगाई थी. मगर अचानक गंगा नदी में आई बाढ़ ने इनकी फसल को बर्बाद कर दिया. चमन चौहान जैसे दर्जनों ऐसे किसान हैं, जिनकी फसल गंगा मे आई बाढ़ के चलते बर्बाद हो गई है और इन किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
यूपी तक से बातचीत में प्रभावित किसान चमन चौहान ने कहा, “हमारी जमीन थी एक डेढ़ बीघा. गंगा जी के बहाव से पानी बढ़ रहा है. सभी सब्जियां डूब गई हैं. हम लोग खाने को मोहताज हो गए हैं. पशुओं के लिए चारा बोले थे वह भी डूब गया है. हम लोग परेशान हैं हम लोग सोच रहे हैं कि सरकार कुछ हम लोगों को मुआवजा दें ताकि हम लोगों की आजीविका चले. इस इलाके में 100 बीघे से ज्यादा का नुकसान हुआ है.”
धान का कटोरा कहे जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में किसान प्रकृति की दोहरी मार सह रहे हैं. एक तरफ जहां बारिश नहीं होने की वजह से धान की फसल सूख रही है, वहीं दूसरी तरफ गंगा नदी में बाढ़ आ जाने की वजह से गंगा नदी के किनारे लगाई गई फसल बर्बाद हो रही है. ऐसे में अब इन किसानों की नजरें सरकार की तरफ उम्मीद की टकटकी लगाए देख रही हैं कि सरकार इनके नुकसान का आकलन कर इनको मुआवजा दे, ताकि इनका घर परिवार चल सके.
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