75 लोगों का परिवार और पचास वोटर...गोरखपुर के इस घर पर रहती है हर पार्टी की नजर, यहां दिनभर जलता है चूल्हा
गोरखपुर जिले के राजधानी नामक गांव में छत्रधारी यादव का 75 सदस्यीय परिवार बड़ी सूझबूझ और खुशी पिछले 5 दशक से एक साथ रहता है. इस परिवार के मुखिया छत्रधारी यादव ने बताया कि वह कुल चार भाई थे, जिसमें से दो भाइयों की तो मृत्यु हो गई है. लेकिन उनका एक छोटा भाई है जो गोरखपुर में रहता है.
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न्यूक्लियर फैमिली के जमाने में गोरखपुर जिले में एक ऐसा परिवार रहता है, जहां 75 लोग एक साथ एक घर में रहते हैं. बता दें कि इस परिवार में कुल चार पीढ़ी के लोग एक साथ हसीं खुशी रहते हैं. इस परिवार के मुखिया छत्रधारी यादव हैं, जो अपने परिवार की एकजुटता से काफी खुश हैं. बता दें कि इस परिवार में 50 से अधिक वोर्टर्स हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर छत्रधारी यादव के परिवार रहती है.
75 लोग का है एक परिवार
गोरखपुर जिले के राजधानी नामक गांव में छत्रधारी यादव का 75 सदस्यीय परिवार बड़ी सूझबूझ और खुशी पिछले 5 दशक से एक साथ रहता है. इस परिवार के मुखिया छत्रधारी यादव ने बताया कि वह कुल चार भाई थे, जिसमें से दो भाइयों की तो मृत्यु हो गई है. लेकिन उनका एक छोटा भाई है जो गोरखपुर में रहता है. साथ ही वह उस परिवार के मुखिया के रूप में परिवार का भार संभाल रहे हैं और इसमें उन्हें बहुत ही खुशी मिलती है. उन्होंने बताया कि परिवार बहुत ही संस्कारी है जिस वजह से ऐसा संभव हो पाया है.. ऐसा नहीं है हर घरों में छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं फिर भी हम लोग उसे दरकिनार करते हुए आपसी सूझबूझ के साथ एक साथ मिलजुल खुशी-खुशी रहते हैं.
दिन भर जलता है घर का चूल्हा
अपने परिवार के बारे में बात करते हुए छत्रधारी यादव बहुत ही गर्व के साथ बताते हैं कि उनके घर का चूल्हा 1 मिनट भी नहीं बुझता. इतना लंबा परिवार होने की वजह से साथ ही रसोईया एक होने की वजह से दिनभर किचन में कुछ ना कुछ बनता रहता है. घर की सभी महिलाएं आपस में बेहतर सामंजस्य बिठाकर एक दूसरे के काम में हाथ बताती हैं.
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एक टाइम में लग जाता है 7 किलो का आटा और उतना ही किलो चावल
घर के मुखिया छत्रधारी यादव बताते हैं की अमूमन घर में सभी लोग तो नहीं मौजूद रहते हैं कुछ लोग काम के सिलसिले में शहरों में भी रहते हैं. वहीं कुछ लोग पढ़ाई लिखाई को लेकर अन्य जगहों पर कर रहे हैं. लेकिन औसतन 45 से 50 लोग घर में रहते ही हैं. इस वजह से एक टाइम में कुल 7 से 8 किलो आटे की रोटियां बनती हैं. जबकि इतने ही किलो चावल की भी आवश्यकता पड़ती है. वहीं दो से ढाई किलो तक दाल का इस्तेमाल हो जाता है. वहीं बात करे हरी सब्जियों की बात करें तो छत्रधारी के पास उनका बागवानी और खेत भी है. उसी में तरह-तरह की सब्जियां उगते हैं, इसलिए सब्जियों को वह अपने खेत से ही मंगा लेते हैं.
50 से अधिक की संख्या में है वोटर
घर के मुखिया छत्रधारी यादव बताते हैं कि उनके घर में 50 से अधिक वोटर हैं. लिहाजा राजनीतिक पार्टियों की नजर उनके घर पर जरूर रहती है क्योंकि एक मुस्त इतनी बड़ी संख्या में वोट मिल जाता है. गौरतलब है कि छत्रधारी यादव का परिवार खुद राजनीति से जुड़ा हुआ है और वह खुद गांव के प्रधान रह चुके हैं. उनकी धर्मपत्नी भी गांव की प्रधान रह चुकी हैं.
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