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ट्विन टावर गिरने पर निकलने वाली धूल से दिल्ली नहीं, यूपी को है खतरा पर कितना? यहां समझिए

कुमार कुणाल

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Noida Twin tower news: रविवार, 28 अगस्त की दोपहर जब नोएडा एक्सप्रेसवे पर बने दो टावर ढहाए जाएंगे, तो एक सबसे बड़ा खतरा प्रदूषण का होगा. इसलिए सबके मन में सवाल यही होगा कि आखिरकार 32 मंजिली इमारत के गिरने से जो हजारों टन मलबा फैलेगा उसकी धूल कहां तक जाएगी. क्या ये धूल दिल्ली वालों के फेफड़े को भी खराब करेगी जो पहले ही प्रदूषण की मार लगभग हर साल झेलते हैं. हालांकि इसका जवाब है, नहीं.

दिल्ली में इसके हानिकारक असर की संभावना लगभग न के बराबर है. कुछ लोग सोचेंगे कि जब नोएडा एक्सप्रेसवे देश की राजधानी से महज कुछ ही किलोमीटर दूर है, फिर असर क्यों नहीं पड़ेगा जबकि पंजाब से पराली जैसा धुआं और राजस्थान से चलने वाली हवाओं के साथ धूल दिल्ली तक आसानी से पहुंच जाती है. इसका जवाब मौसम के पैटर्न में ही छिपा है.

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मौसम की वजह से बचेगी दिल्ली

दरअसल 28 अगस्त यानि रविवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों, यहां तक कि नोएडा में मौसम खुश्क रहेगा. यानि बारिश की संभावना कम ही है. ऐसे ड्राई मौसम में धूल के फैलने के लिए अनुकूल स्थितियां होती हैं, लेकिन फिर भी दिल्ली तक ये धूलकण ना पहुंचने के पीछे हवा की दिशा यानि डायरेक्शन मुख्य वजह बताई जा रही है. मौसम का पूर्वानुमान करने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट के वाइस प्रेसीडेंट महेश पालावत बताते हैं कि, “28 अगस्त यानि रविवार को हवा का रुख नॉर्थ-वेस्ट यानि उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से रहेगा यानि हवा धूलकणों को दिल्ली की बजाए उत्तरप्रदेश के पश्चिमी हिस्सों की ओर ले कर जाएगी और दिल्ली का इस प्रदूषण से बचाव हो जाएगा.” जानकार बताते हैं कि उस दिन सूखे मौसम के साथ हवा की रफ्तार लगभग 25 किलोमीटर के आस-पास बने रहने की संभावना है जो धूल को पूर्व की तरफ धकेलेगा।

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तो क्या उत्तरप्रदेश की बढ़ेगी परेशानी?

शुरुआती अनुमान तो यही बताते हैं कि ये धूलकण मथुरा, आगरा की तरफ ही बढ़ेंगे. क्योंकि मौसम रविवार को सूखा रहेगा तो ये दूरी भी अच्छी खासी तय कर सकते हैं. लेकिन राहत की बात ये है कि 29 अगस्त यानि सोमवार को यूपी के कई इलाकों में बारिश होने के आसार हैं और साथ ही साथ विंड पैटर्न यानि हवा की दिश भी बदल जाएगी. सोमवार से पूरब की ओर से हवा चलनी शुरु होगी जिसके साथ आद्रता भी ठीक-ठाक रहेगी. इसकी वजह से धूलकण बैठ जाएंगे और लगभग 24 घंटे तक अलग-अलग इलाकों में घूमने के बाद उत्तरप्रदेश के ही कुछ इलाकों में उन्हें ठिकाना मिल जाएगा.

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