सब इंस्पेक्टर ने आधी रात कैब ड्राइवर को लूटा! उसमें बैठी थी महिला भी, कमिश्नर ने लिया ये ऐक्शन
UP News: नोएडा में ट्रेनी पुलिसकर्मी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कैब ड्राइवर और गाड़ी में सवार महिला के साथ जो किया है, उसने पुलिस में हड़कंप मचा दिया है. घटना के बाद जिस तरह से मामले को दबाने की कोशिश की गई है, उसने भी नोएडा पुलिस पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. जानिए ये पूरा मामला.
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UP News: नोएडा पुलिस हर दिन चर्चाओं में रहती है. कभी एनकाउंटर को लेकर तो कभी अपराधियों पर सख्ती को लेकर. मगर नोएडा पुलिस के पुलिसकर्मियों पर एक कैब चालक ने ऐसा आरोप लगाया है, जिसने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है. बताया तो ये भी जा रहा है कि पहले तो इस केस को पुलिस अधिकारियों ने दबाने की कोशिश की. मगर जब पूरा मामला खुलकर सामने आया तो फिर कई पुलिसकर्मी इस केस में नाप दिए गए. आप भी जानिए कि आखिर कैब ड्राइवर और कार में बैठी महिला के साथ क्या हुआ?
कैब ड्राइवर और महिला सवारी के साथ आखिर हुआ क्या?
कैब ड्राइवर बागपत के बड़ोत निवासी राकेश तोमर के मुताबिक, 2 अगस्त की रात करीब 1 बजे वह दिल्ली के पंचशील विहार से महिला सवारी को छोड़ने 11 एवेन्यू स्थित गौर सिटी आए. तभी 2 गाड़ियों में सवार होकर करीब 5 लोग उसकी कार के पास आ गए और उसे कार से नीचे उतारा. इस दौरान सभी ने उसके साथ अभद्रता की. एक युवक ने पुलिस की वर्दी भी पहन रखी थी. तभी उन लोगों ने उसे और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में जबरन बैठा लिया और एक सुनसान जगह पर ले गए. यहां उसके साथ मारपीट की गई और 7 हजार रुपये उससे ले लिए. जब उसने कहा कि उसके पास खर्चे के रुपये नहीं है तो 500 रुपये भी वापस कर दिए. इसके बाद सभी मौके से फरार हो गए.
पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की
घटना के बाद पीड़ित ड्राइवर ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और मामले की शिकायत की. मौके पर गौर सिटी चौकी इंचार्ज पहुंचे. आरोप है कि इस दौरान पुलिस अधिकारी समझौते का दवाब बनाने लगे. पीड़ित ड्राइवर की माने तो तब जाकर उसे पता चला कि आरोपियों में से जिस युवक ने पुलिस वर्दी पहन रखी थी, वह खुद गौर सिटी में तैनात एक दारोगा है. दरअसल आरोपी पुलिसकर्मी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर था.
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पीड़ित के मुताबिक,
जब उसने पुलिस चौकी पहुंचकर लिखित शिकायत की तो चौकी प्रभारी ने उस आरोपी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को बुलाकर उसकी पहचान कराई. इसके बाद उसने 7000 रुपये वापस करने और समझौता करने का प्रेशर भी बनाया. लेकिन पीड़ित ने समझौता नहीं किया और उसने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी.
फिर सामने आया पूरा मामला
शिकायत मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मामले की जांच एसीपी बिसरख को सौप दी. एसीपी बिसरख द्वारा जांच के दौरान पीड़ित से संपर्क किया गया. जांच के दौरान आरोप सही पाए गए. इसके बाद थाना बिसरख में ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया और पुलिस ने ट्रेनी दारोगा अमित मिश्रा व उसके 2 साथी अभिनव और आशीष को गिरफ्तार कर लिया. इसी के साथ पुलिस ने घटना में इस्तेमाल हुई दोनों गाड़ियों को भी कब्जे में ले लिया. इसके साथ ही ट्रेनी दारोगा को सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया.
पुलिस अधिकारियों पर भी हुई कार्रवाई
बता दें कि इस मामले को दो दिनों तक दबाए रखना और कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर नोएडा सेंट्रल डीसीपी सुनीति को पद से हटा दिया गया है. उनके स्थान पर शक्ति मोहन अवस्थी को डीसीपी सेंट्रल नोएडा के रूप में तैनात किया गया है. इसी के साथ थाना प्रभारी बिसरख, चौकी प्रभारी गौर सिटी, एक सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र और मोहित को भी निलंबित कर दिया गया है.