नोएडा एयरपोर्ट को मिला ‘DXN’ कोड, क्या होता है इसका मतलब, कितने प्रकार के होते हैं ये?
विमानन कंपनियों की वैश्विक संस्था आईएटीए (IATA) ने जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए तीन अक्षरों वाला कोडनेम तय किया है.
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Noida International Airport News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित जेवर में बन रहे एयरपोर्ट को एक कोडनेम मिला है. बता दें कि विमानन कंपनियों की वैश्विक संस्था आईएटीए (IATA) ने जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए तीन अक्षरों वाला कोडनेम तय किया है. यह कोडनेम ‘डीएक्सएन’(DXN) है. मालूम हो कि आईएटीए किसी हवाई अड्डे की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए तीन अक्षर का कोडनेम जारी करता है. इस कोडनेम से उड़ानों के परिचालन और मार्ग निर्धारण में सहूलियत होती है.
क्या है DXN का मतलब?
DXN में डी दिल्ली को दर्शाता है, जो भारत की राष्ट्रीय राजधानी है. यहां एन का मतलब नोएडा है. वहीं, एक्स, भारत और दुनिया के भीतर कनेक्टिविटी का प्रतीक है.
दो तरह के होते हैं एयरपोर्ट कोड्स
आपको बता दें कि दो संस्थाओं द्वारा एयरपोर्ट को कोड्स दिए जाते हैं. ये दो संस्थाएं है- IATA और संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO). दोनों का उपयोग हवाई अड्डों की सटीक पहचान करने के लिए किया जाता है, लेकिन अलग-अलग संदर्भों में. आपको बता दें कि तीन अंकों वाले IATA कोड का उपयोग यात्रियों के परिचालन के लिए किया जाता है- टिकट, बोर्डिंग पास, साइनेज आदि पर. दूसरी ओर, ICAO द्वारा दिया गए चार अंकों के कोड का उपयोग पायलट, हवाई यातायात नियंत्रक, योजनाकार आदि द्वारा किया जाता है.
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के जेवर में यह एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है. इसका परिचालन शुरू होने पर दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बोझ कम होने और वेस्ट यूपी के लोगों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है.
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