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नंचुक, लाठी कॉम्बेट, मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट 8 फीमेल कॉप वाली 'वीरांगना यूनिट' को लीड करेंगी IPS अंशिका वर्मा, जानिए इनकी कहानी

निष्ठा ब्रत

उत्तर प्रदेश के बरेली में महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है. 'वीरांगना यूनिट' नाम से महिला कमांडो की एक विशेष SOG यूनिट तैयार की गई है, जो अपराध नियंत्रण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएगी. इसका नेतृत्व IPS अधिकारी अंशिका वर्मा कर रही हैं.

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Veerangana Unit Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर एक बड़ी और प्रभावशाली पहल की शुरुआत हुई है. बता दें कि प्रदेश में महिला कमांडो की एक विशेष यूनिट, 'वीरांगना यूनिट' को तैयार किया गया है जो न केवल अपराधियों पर लगाम कसने का काम करेगी बल्कि महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना भी पैदा करेगी. बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बरेली दौरे के दौरान इस यूनिट का औपचारिक शुभारंभ किया गया. 

क्या है वीरांगना यूनिट का उद्देश्य 

वीरांगना यूनिट शहर के संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग, महिला अपराधों की रोकथाम, विशेष ऑपरेशन में सक्रिय भागीदारी और सुरक्षा निगरानी का कार्य करेगी. बता दें कि इस यूनिट का उद्देश्य महिलाओं को न सिर्फ सुरक्षा देना है बल्कि उनमें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का भाव भी जगाना है.

वीरांगना यूनिट में शामिल होंगी प्रशिक्षित महिला कमांडो

आपको बता दें कि इस यूनिट में कुल 8 महिला कांस्टेबल्स को चुना गया है, जिन्हें विशेष कमांडो ट्रेनिंग दी गई है. ये सभी महिला कर्मी नंचकु, लाठी कॉम्बैट, पंचिंग, किकिंग, मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स, हथियारों की हैंडलिंग और सेल्फ डिफेंस जैसे विषयों में दक्ष हैं.

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इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि यूनिट का नेतृत्व बरेली की अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अंशिका वर्मा के निर्देशन में होगा. उनके नेतृत्व में महिला कमांडोज को सभी तरह की शारीरिक और तकनीकी ट्रेनिंग दी गई है.

क्या होती है नंचकु ट्रेनिंग 

नंचकु ट्रेनिंग एक मार्शल आर्ट तकनीक है जिसमें नंचकु नामक हथियार का उपयोग करना सिखाया जाता है. यह हथियार दो छोटी छड़ियों से बना होता है जो एक मजबूत रस्सी या चेन से आपस में जुड़े होते हैं. इसका मूल उपयोग सेल्फ डिफेंस और हथियारों की निपुणता बढ़ाने के लिए होता है. यह ट्रेनिंग गति, संतुलन और प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने में मदद करती है. खासतौर पर महिला कमांडो यूनिट्स को यह प्रशिक्षण आत्मविश्वास और मुकाबला कौशल बढ़ाने के लिए दिया जाता है.

कौन हैं अंशिका वर्मा?

अंशिका वर्मा का जन्म 3 जनवरी 1996 को प्रयागराज, यूपी में हुआ था. उन्होंने नोएडा से स्कूली शिक्षा और 2018 में गलगोटिया कॉलेज से बी.टेक (ECE) किया. इंजीनियरिंग के बाद अंशिका ने समाज सेवा की चाह में UPSC की तैयारी शुरू की. बता दें कि 2020 में अंशिका ने अपने दूसरे प्रयास में बिना कोचिंग UPSC पास कर AIR 136 हासिल की और IPS बनीं. 

उनकी पहली पोस्टिंग आगरा में SHO के रूप में हुई, फिर गोरखपुर में ASP रहीं और अब बरेली दक्षिण की SP हैं. बता दें कि ASP के तौर पर उन्होंने फर्जी स्टाम्प नेटवर्क और मनी म्यूल जैसे मामलों में महत्वपूर्ण कार्रवाई की. उनकी कुशल जांच और न्याय के प्रति निष्ठा के लिए उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर DGP कमेंडेशन डिस्क (सिल्वर) से सम्मानित किया गया.

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