बाराबंकी जेल में नींबू घोटाला! 3 महीने में 36 क्विंटल पी गए, कैदी बोले- हमें तो मिले नहीं

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उत्तर प्रदेश के डीजी जेल ने बाराबंकी के कारागार अधीक्षक हरिबख्श सिंह समेत चार लोगों को निलंबित कर दिया है. इनके खिलाफ कारागार में की गई कथित तौर पर विभिन्न अनियमितताएं भी पाई गई हैं. इसके अलावा लाखों रुपये के नींबू घोटाले की भी जांच चल रही थी, जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें जेल वॉर्डर हेड राजेश भारती और जेल वॉर्डर सुरेश कुमार भी शामिल हैं.

पिछले दिनों जिला कारागार में बंदियों को 36 क्विंटल नींबू 3 महीने में पिलाने का मामला सामने आया था. आरोप है कि प्रतिदिन 40 किलो नींबू बंदियों को पिलाया गया. यह उस दौरान की बात है जब नींबू के दाम आसमान छू रहे थे. डीजी कारागार ने मामला संज्ञान में आने के बाद डीआईजी कारागार संजीव त्रिपाठी को इसकी जांच सौंपी थी.

डीआईजी कारागार पिछले कई दिनों से इसकी जांच कर रहे थे. उन्होंने इस संदर्भ में जेल में कार्यरत कर्मचारियों के अलावा बंदियों से भी बातचीत की. सूत्रों की मानें तो बंदियों ने उन्हें बताया कि किसी भी बंदी को नींबू नहीं दिया गया. बंदियों ने तो यहां तक कहा कि नींबू तो दूर बिना पैसे के यहां परिजनों से मुलाकात भी नहीं होती.

सूत्रों का कहना है कि कारागार के बंदियों के लिए डेढ़ सौ रुपये से पौने तीन सौ रुपए प्रति किलो तक नींबू की खरीद की गई. यह मामला लंबे समय तक सुर्खियों में छाया रहा. कारागार के अंदर से लेकर बाहर तक इसकी जमकर चर्चा होती रही.

जेल अफसर कहते रहे कि कोरोना काल के कारण प्रतिदिन बंदियों को नींबू दिया गया, जबकि प्रावधान यह है कि नींबू सिर्फ उन्हीं बंदियों को दिया जाता है, जिन्हें नींबू दिए जाने की सलाह जेल के डॉक्टर देते हैं.

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