अयोध्या: 170 खंभों पर खड़ा होगा रामलला का भव्य मंदिर, अक्टूबर में बन जाएगा पहला तल

बनबीर सिंह

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Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में अपने आराध्य की जन्मभूमि पर उनका भव्य और दिव्य मंदिर और उसमें दर्शन राम भक्तों का यह सपना अब पूरा होने वाला है. अगले वर्ष लगभग इसी समय राम भक्तों को रामलला का दर्शन उनके मंदिर में हो सकेगा. मंदिर निर्माण का कार्य अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं. अक्टूबर 2023 तक पहले तल का निर्माण पूरा हो जाएगा.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी साझा की. ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर का प्रथम तल अक्टूबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसी के साथ रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे.

रामलला के मंदिर में कुल 170 खंभे होंगे और यह खंभे लगने शुरू भी हो चुके हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर में सिंह द्वार , नृत्य मंडप और गुड़ी मंडप होंगे. मंदिर की सतह परिसर की सतह से लगभग 21 फीट ऊंचा होगा. राम मंदिर की सतह ग्रेनाइट पत्थर से लगभग 5 फीट तक ब्लॉक के जरिए तैयार की गई है. वहीं नींव को मजबूत करने के लिए मंदिर के गर्भगृह के चारों ओर दीवार का निर्माण भी हों रहा है. मंदिर में गर्भगृह के आसपास 11 फिट 10 इंच तक पत्थरों को एक के ऊपर एक खांचे में फिट कर दिया गया है. इस तरह निर्माण की कुल 8 लेयर कंपलीट हो चुकी है.

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राम मंदिर का निर्माण इस तरह किया जा रहा है कि भूकंप आने या जमीन की सतह पर किसी तरह का दबाव पड़ने पर मंदिर के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान ना पहुंचे.

आपको यह बता दें कि मंदिर के चारों तरफ परकोटे का भी निर्माण हो रहा है. मंदिर और परकोटे के बीच की जमीन को भी लगभग 20 फीट नीचे से ठोस बनाया जा रहा है और कंक्रीट से उसकी सतह बनाई जा रही है. मंदिर और परकोटे के बीच के स्थान में ही राम भक्त परिक्रमा करेंगे. इस परिक्रमा स्थल पर चारों तरफ गणेश जी, भगवान शंकर और अन्नपूर्णा माता मंदिर तो होगा ही साथ ही साथ महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वशिष्ठ, माता शबरी, निषाद राज, जटायु और अहिल्या के मंदिर भी बनाए जाएंगे. राम जन्मभूमि परिसर में ही श्रीराम के सखा सुग्रीव की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह में सफेद पत्थर लगा हुआ है, वो मकराना का मार्बल है. गर्भगृह की दीवार भी मार्बल की होंगी, खंभे भी मार्बल के होंगे और फर्श भी मार्बल का होगा. चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है, हमारे कारीगर दिनरात काम कर रहे हैं, अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का पहला फेज पूरा हो जाएगा, एक से 14 जनवरी 2024 के बीच कभी भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है.

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