लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: SC ने UP सरकार को फिर लगाई फटकार, 26 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

संजय शर्मा

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सुप्रीम कोर्ट में 20 अक्टूबर को एक बार फिर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. सुनवाई शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि हमने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है.

इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अभी मिली है, जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम 1 दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जाए.

सीजेआई रमण ने कहा कि हम कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे कि कुछ मैटेरियल मिले, आखिरी क्षणों में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है, यह उचित नहीं है.

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यूपी सरकार ने बताया कि 4 आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं, 6 आरोपी पहले से ही पुलिस कस्टडी में थे, अब न्यायिक हिरासत में हैं. यूपी सरकार की ओर से साल्वे ने बताया कि इस मामले में कई आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है, 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं और भी सबूत हैं. उन्होंने बताया कि क्राइम सीन का रिक्रिएशन भी हो चुका है, पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं, दशहरे की छुट्टी में कोर्ट बंद होने के कारण बयान दर्ज नहीं हो पाए.

मामले में आरोपियों की आगे की पुलिस हिरासत ना लेने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया. उसने पूछा कि क्या इन आरोपियों की आगे पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है?

सीजेआई ने यूपी सरकार से कहा कि यह जांच कभी खत्म ना होने वाली कहानी नहीं बननी चाहिए. वहीं, जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हमें लगता है कि आप (यूपी सरकार) जांच के नाम पर अपने कदम खींच रहे हैं, इस धारणा को दूर करने की जरूरत है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के बयान जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं, साथ ही गवाहों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अगली सुनवाई से एक दिन पहले यानी 25 अक्टूबर को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है. कोर्ट ने 20 अक्टूबर को दाखिल स्टेटस रिपोर्ट और जांच पर असंतोष जताते हुए कहा कि सरकार जांच के नाम पर चीजों को लटका रही है.

बता दें कि पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस ने अपनी अगुवाई वाली बेंच की ओर से जारी आदेश में कहा था, ”हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं.”

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