इतिहास का वो दौर जब इंदिरा गांधी रायबरेली से हार गई थीं चुनाव, क्या थी वजह?
यूपी ने सबसे अधिक प्रधानमंत्री देश को दिए हैं. चाहे वो मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी हों, या इंदिरा गांधी. ऐसे में आज हम आपको पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की वो कहानी बताएंगे जब वो अपना चुनाव हार गई थीं...
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UP News: मौजूदा समय में लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में उठापटक मची हुई है. एक तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि वह यूपी की सभी 80 में से 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दलों के समूह 'इंडिया' का दावा है कि वह यूपी में ही पीएम मोदी के विजय रथ को रोक देगा. क्या अपने कभी गौर किया है कि सभी बड़ी पार्टियों का यूपी पर विशेष फोकस क्यों रहता है? दरअसल, एक कहावत काफी प्रचलित है कि 'दिल्ली की सत्ता रास्ता यूपी से होकर गुजरता है.' यही कारण है कि यूपी ने सबसे अधिक प्रधानमंत्री देश को दिए हैं. चाहे वो मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी हों, या इंदिरा गांधी. ऐसे में आज हम आपको पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की वो कहानी बताएंगे जब वो अपना चुनाव हार गई थीं.
इंदिरा पर लगे थे धांधली के आरोप
दरअसल यह बात जून 1975 की है, जब समाजवादी नेता राजनारायण की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट से निर्वाचित इंदिरा गांधी की जीत के पीछे की धांधली के मामले को लेकर सुनवाई करते हुए इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. ऐसा कहा जाता है कि कोर्ट के इसी फैसले के बाद ही 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी यानी आपातकाल की घोषणा की थी. इस दौर को भारतीय इतिहास में काला अध्याय माना जाता है.
जब इंदिरा गांधी ने गंवाई अपनी सीट
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मालूम हों कि इमरजेंसी खत्म होने के बाद 1977 में हुए लोकसभा के चुनाव में राजनारायण ने इंदिरा गांधी को रायबरेली सीट से हरा दिया था. राजनीति के जानकारों की मानें तो इंदिरा गांधी की हार का क्रेडिट आपातकाल के विरुद्ध खड़े हुए जेपी आंदोलन को भी जाता है.
इंदिरा गांधी का सियासी सफर
मालूम हो कि वर्ष 1959 से 1960 तक इंदिरा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं. वह 1964-1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं. साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर 1967 से मार्च 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया. उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल. इसके बाद जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं. इंदिरा गांधी ने जून 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय और जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मामले मंत्रालय का प्रभार संभाला. जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं.14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं.
इलाहाबाद में हुआ था इंदिरा का जन्म
बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी थी. उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था. इंदिरा गांधी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. इंदिरा गांधी का घर का नाम इंदू था. उनके दादा पं. मोतीलाल नेहरू ने उनका नाम इंदिरा रखा था. बता दें कि इंदिरा गांधी ने ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों से अपनी शिक्षा प्राप्त की हैं.
(इस खबर को यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे अमित पांडेय ने लिखा है.)
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