कैराना से सपा प्रत्याशी इकरा हसन ने जयंत चौधरी को लेकर की बड़ी भविष्यवाणी! जानें क्या कहा ऐसा?
समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर से कैराना से इकरा हसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दिवंगत पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा इन दिनों सुर्खियों में चल रही हैं
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समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर से कैराना से इकरा हसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दिवंगत पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा इन दिनों सुर्खियों में चल रही हैं. इस बीच यूपी Tak ने इकरा हसन से खास बातचीत की है. इस दौरान इकरा ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी को लेकर बड़ा बयान दिया और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना भी साधा.
सपा उम्मीदवार इकरा हसन ने रालोद चीफ जयंत चौधरी के इंडिया गठबंधन छोड़ने को लेकर कहा, "कुछ मजबूरियां रही होंगी, कोई यूं ही बीजेपी के साथ नहीं चला जाता. कुछ ऐसे दबाव बीजेपी की तरफ से जयंत चौधरी पर बने होंगे, जिसकी वजह से उन्हें जाना पड़ा होगा. मगर जयंत जी और बीजेपी का यह Natural Alliance नहीं है, वो लौट कर यहीं आएंगे."
मालूम हो कि भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में जाने से पहले जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन के साथी थे. मगर लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले उन्होंने इंडिया गठबंधन को छोड़ NDA का दामन थाम लिया. तब जयंत ने आरोप लगाया था कि इंडिया गठबंधन के पास कोई विजन नहीं है और उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की चिंता है, इसलिए वो अब NDA के साथ जा रहे हैं.
इकरा बोलीं- जयंत चौधरी के जाने से हमें नुकसान तो...
इकरा ने जयंत को लेकर आगे कहा, "जयंत चौधरी बहुत बड़े नेता हैं. हमारे परिवार से उनका बड़ा पुराना और गहरा रिश्ता रहा है. कुछ भी होता है तो हम लोग जयंत चौधरी की तरफ देखते हैं. जयंत चौधरी के जाने से हमें नुकसान तो नहीं होगा लेकिन जाने की बात जानकर झटका जरूर लगा. जयंत चौधरी चले तो गए हैं, लेकिन वहां दलों का मेल हुआ है, दिलों का नहीं. जयंत चौधरी ने अचानक पाला बदला जरूर, लेकिन कोई फायदा नहीं होगा, उनके लोग उनके साथ नहीं जा रहे हैं."
इकरा ने भाजपा पर बोला हमला
इकरा ने कहा, "बीजेपी ने जिस तरीके से कैराना को लेकर प्रोपेगेंडा चलाया है, उससे हमारे क्षेत्र का बहुत नुकसान हुआ. 2017 में पलायन का नया-नया प्रोपेगेंडा आया था. हमारे लोगों ने 2017 और 2022 में बीजेपी को हराकर इसका जवाब दिया था. कैराना को ध्रुवीकरण कर इसकी एक अलग इमेज बनाई गई. मुजफ्फरनगर में अगर दंगे हुए तो भी हमारा जिला बहुत शांतिपूर्ण रहा. पलायन के मुद्दे को भाजपा ने देशभर में खूब भुनाया. यहां तो भाजपा हार गई, लेकिन चित्रकूट तक में यहां के पोस्टर लगाए गए."
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