अखिलेश की 'कन्नौज क्रांति' पर BJP का पलटवार, सुब्रत पाठक ने नामांकन से पहले सपा प्रमुख को दी ये सलाह
कन्नौज लोकसभा सीट इस समय उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. इसके पीछे की वजह है कि यहां से खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.
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Utar Pradesh News : कन्नौज लोकसभा सीट इस समय उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. इसके पीछे की वजह है कि यहां से खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. फिलहाल कन्नौज की राजनीति शतरंज की बिसात सी नजर आ रही है. एक तरफ अखिलेश यादव हैं तो दूसरी तरफ भाजपा से मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक मैदान में हैं. सपा प्रमुख ने अपने चुनाव को 'कन्नौज क्रांति' का नाम दिया है तो सुब्रत पाठक ने उसपर पलटवार किया है.
'कन्नौज क्रांति' पर सियासी घमासान
बता दें कि कन्नौज में गुरुवार को सपा और भाजपा दोनों प्रत्याशी नामांकन करेंगे. वहीं नामांकन से पहले सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी तक से खास बातचीत की. उहोंने कहा कि कन्नौज से कोई भी आ जाए जीत उनकी ही होने वाली है. ये चुनाव देश का चुनाव है. वहीं अखिलेश यादव के कन्नौज क्रांति पर भाजपा नेता ने कहा कि, ' उन्हें अपेन पिता से सीखाना चाहिए था कि क्रांति सोशल मीडिया पर नहीं होती है जमीन पर होती है और वो जमीन पर कहीं नहीं हैं.'
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से आज यानी गुरुवार दोपहर 12 बजे नामांकन करेंगे. वहीं इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि कन्नौज से बीजेपी की पराजय इतिहास में कन्नौज क्रांति के नाम से जानी जाएगी. कन्नौज-क्रांति होकर रहेगी. सपा ने पहले यहां से तेज प्रताप को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने अपना मन बदलकर अखिलेश को उम्मीदवार बना दिया.
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चुनावी मैदान में उतरे अखिलेश
कन्नौज लोकसभा सीट से वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे. इससे पहले तीन बार अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी पेश की थी. समाजवादी पार्टी ने इससे पहले कन्नौज से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित किया था. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से ठीक पहले भतीजे तेज प्रताप का टिकट काटकर अखिलेश स्वयं मैदान में उतर गए. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद सु्ब्रत पाठक भी इस सीट से गुरुवार को ही नामांकन दाखिल करेंगे. दोनों उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान पार्टियों की ओर से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है.
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