29 साल की पूजा जाटव के क्रिमिनल माइंड की पूरी कहानी, जेठानी ने बताया कैसे जेठ से भी बना लिए संबंध

Jhansi News: झांसी की 29 साल की पूजा जाटव ने किस तरीके से अपनी सास सुशीला की ह्त्या की, उसकी पूरी कहानी सामने आ गई है. पूजा के क्रिमिनल माइंड की स्टोरी नीचे खबर में विस्तार से पढ़ें.

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पूजा जाटव झांसी हत्याकांड की मुख्य आरोपी
पूजा जाटव
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Jhansi Pooja Jatav News: झांसी में 29 साल की पूजा के खूबसूरत चेहरे के पीछे कातिलाना दिमाग छिपा होगा, यह किसी ने नहीं सोचा था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सास सुशीला की हत्या की प्लानिंग में पुलिस और परिवार से बचने के लिए पहले पूजा ने अपने तथाकथित पति संतोष और ससुर अजय प्रताप को ग्वालियर बुलाया. इसके बाद अपनी बहन कामिनी और उसके प्रेमी अनिल वर्मा को बुला लिया, अपनी सास सुशीला की हत्या करने के लिए. किसी को शक न हो इसके लिए तीनों ने पहले घर पर चाय पी. इसी दौरान सुशीला को नशीला इंजेक्शन लगा दिया गया. फिर उसकी हत्या कर घर में रखे करीब 8 लाख के गहने और नकदी लेकर आरोपी फरार हो गए. 

पूजा के क्रिमिनल माइंड की पूरी कहानी जानिए 

24 जून की वह सुबह जब झांसी में टहरौली थाना क्षेत्र के कुम्हारिया गांव में रहने वाली सुशीला देवी ने सोचा भी नहीं था कि वह दिन उसका आखिरी दिन होगा. यह वही दिन था जब पूजा ने अपनी सास की हत्या कर दी थी. सुशीला की हत्या वाले दिन मृतका के पति अजय प्रताप राजपूत ने अपनी बड़ी बहू राागिनी और आकाश के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने जब सीसीटीवी देखते हुए छानबीन की तो आरोपी बड़ी बहू नहीं बल्कि छोटी बहू पूजा की बहन कामिनी और उसका प्रेमी अनिल वर्मा निकला. 

फिर पूजा ने पुलिस को ये बताया

पुलिस ने कामिनी को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि इस हत्या के पीछे का दिमाग मृतका की छोटी बहू पूजा का था. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तब तक अनिल वर्मा पुलिस की पकड़ से दूर था. पूछताछ में पूजा ने जो बताया उसने सभी को चौंका दिया. क्योंकि पूजा ने अपने पहले पति जो रेलकर्मी था उस पर जानलेवा हमला कराया था. इस आरोप में वह जेल भी जा चुकी थी. जेल से बाहर निकलने के बाद उसके संबंध सुशीला के छोटे बेटे कल्याण से हो गए थे. कल्याण भी अपराधी था. उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी. 

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कल्याण की मौत के बाद जब गांव में भोज चल रहा था, तभी वह रोती वह गांव पहुंची, जिस पर तरस खाकर परिवार वालों ने उसे स्वीकार कर लिया. यही उनकी सबसे बड़ी भूल थी. विश्वास में आकर परिवार वालों ने उसे बीए भी कराने का प्रयास किया, लेकिन कोराना होने के कारण उसकी बीच में ही पढ़ाई छूट गई. इसी बीच उसके सम्बंध शादीशुदा संतोष से हो गए और एक बेटी भी हो गई. धीरे-धीरे बात बिगड़ने लगी और फिर पूजा के शातिर दिमांग में इस वारदात करने का विचार पनपा.

जेठ संतोष से पूजा के सम्बंध हुए तब रागिनी इसके खिलाफ में थी. जिसको लेकर पति से झगड़ा भी होता था. लेकिन जब पूजा को बेटी हो गई तो उसने स्वीकार कर ली और आपस में रहने लगे थे. लेकिन इस दौरान संतोष रागिनी से कम बात करता और पूजा से ज्यादा. इस कारण बात फिर बिगड़ गई और झगड़ा होने लगा. 

पूजा की जेठानी ने सुनाई ये कहानी

पूजा की जेठानी रागिनी राजपूत ने कहा, "हमारे पति संतोष पूजा से ज्यादा बोलते थे और हम से कम बोलते थे, इसलिए हमारा झगड़ा होता था. इसके कारण हम अपने मायके चले गए. इधर हमने सास से मंगलसूत्र मांगा था जिसे नहीं दिया गया. इसी कारण गुस्से में आकर हम मायके चले गए. उस मंगलसूत्र को हम पहनते थे, वह हमारी शादी का था. जब पूजा को बच्ची हुई तभी हमें पता चला कि संतोष और पूजा के बीच अवैध सम्बंध हैं. पूजा और संतोष ने कोई भी शादी नहीं की है. कई बार महसूस होता था कि हमारी सौतन आ गई. बच्ची होने के बाद हमने भी उसे स्वीकार कर लिया था. हम लोग एक ही घर में रहता थे, काम भी बांटा था, एक समय वह खाना बनाती थी, तो एक समय हम. हमें कभी नहीं लगा कि वह इतनी शातिर है. हमारे साथ वह करीब 6 साल रही है.  हमने जमीन मांगी थी, इसलिए हमारे ससुर ने हमारे खिलाफ शक पर मुकदमा दर्ज कराया." 

किसी को उस पर शक न जाए इसके लिए पूजा ने अपने घर पर सिम बदलकर फोन भी किया और जानकारी लेने का प्रयास किया था. लेकिन उसे जानकारी नहीं दी गई. इधर सुशीला को मृत अवस्था देख में पूरा परिवार घबरा गया था, क्योकिं सुशीला की बड़ी निर्मम तरीके से हत्या की गई थी. 

मृतका के भतीजे ने क्या कहा?

मृतका सुशीला का भतीजे सौरभ ने कहा, "पूजा ने सिम बदलकर हमारे घर पर फोन किया था और हमारा मोबाइल नम्बर मांगा था, लेकिन उसे नहीं दिया गया था. उस नम्बर को हमने पुलिस को दिया. हत्या के दिन पूजा ने फोन कर पूछा था कि मम्मी की तबीयत कैसी है. उसका 3 बजकर 10 मिनट पर आया था. जब चाचा आए तो उन्होंने सुशीला को देखा और वह घबरा गए. पहले उन्होंने सोचा था उन्होंने कुछ खा लिया है. जानकारी होते ही हम भागकर यहां आए और मैंने देखा तो उनके हांथ पैर बंधे हुए थे. इसके बाद हमने 112 पुलिस को सूचना दी. उनके चेहरे पर एक आंख नीली थी, मुंह से कपड़ा आ रहा था. चाचा ने मुंह से कपड़ा निकाल दिया था, क्योंकि कपड़ा मुंह में ठुसा हुआ था. जब पुलिस आई तो वहां पर इजेक्शन और चाय के कप रखे थे, साथ ही एक डंडा भी रखा था."

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