मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला लिया था वापस, अब भतीजे ने बुआ को दिया ये जवाब
मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने 'उत्तराधिकारी' और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के बाद लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. इस मामले पर अब आकाश का रिएक्शन सामने आ गया है.
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Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने 'उत्तराधिकारी' और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के बाद लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. इस मामले पर अब आकाश का रिएक्शन सामने आ गया है. उन्होंने कहा है कि मायावती के आदेश को वो सिर माथे पर लेते हैं.
उन्होंने कहा, "आदरणीय बहन @mayawati जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं. आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताकत मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है. आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं. आपका आदेश सिर माथे पे. भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम साँस तक लड़ता रहूंगा. जय भीम, जय भारत."
मालूम हो कि बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में आकाश आनंद को अपना 'उत्तराधिकारी' घोषित किया था और उन्हें हटाने का यह आश्चर्यजनक फैसला उस वक्त आया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने यह कहा कि पार्टी और आंदोलन के हित में और आनन्द के 'पूर्ण परिपक्वता' हासिल करने तक उन्होंने यह निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद और चार अन्य के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन द्वारा दिन की शुरुआत में रैली में आनन्द के भाषण का स्वत: संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई की गई.
रैली में क्या कहा था आकाश आनंद ने?
बसपा नेता ने अपने भाषण में कहा था, 'यह सरकार बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह आतंकवादी सरकार है.'' प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बसपा ने बिना कोई कारण बताए पिछले दिनों आकाश आनन्द की सभी प्रस्तावित रैलियों को स्थगित कर दिया था.
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