भाजपा ने UP में तेज किया जनसभाओं का दौर, विपक्ष के बड़े चेहरे अबतक चुनाव प्रचार से क्यों दूर?

शिल्पी सेन

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Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार की जंग तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ से जहां चुनावी रैली करके प्रचार अभियान का बिगुल फूंका, तो वहीं पार्टी के दूसरे शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं. पीएम मोदी के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 अप्रैल को मुजफ्फरनगर में रैली करने वाले हैं. मगर सत्तारूढ़ एनडीए को चुनौती देने वाले विपक्ष के नेताओं के अभी प्रचार के मैदान में उतरने का इंतजार है. सपा, बसपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का प्रचार का कोई कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुआ है.

अमित शाह के साथ जयंत भी रहेंगे मौजूद

 

बता दें कि प्रधानमंत्री के 31 मार्च को मेरठ में गठबंधन के सहयोगियों के साथ रैली के बाद भाजपा ने जमीनी प्रचार तेज कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 अप्रैल को मुजफ्फरनगर में रैली करेंगे. इस रैली में जयंत चौधरी भी मौजूद रहेंगे. पश्चिमी यूपी के लिहाज से मुजफ्फरनगर में होने वाली रैली अहम है. वहीं प्रधानमंत्री के प्रस्तावित प्रचार कार्यक्रमों के लिए यूपी यूनिट को सक्रिय कर दिया गया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार अभियान को तेज करते हुए रोज 3-4 'प्रबुद्ध सम्मेलन' कर रहे हैं. इस बीच यूपी में विपक्ष के बड़े चेहरे अभी भी प्रचार मैदान में नहीं उतरे हैं. यहां तक कि विपक्षी दलों ने अपने शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम भी जारी नहीं किए हैं.

 

 

दूसरे चरण के लिए नामांकन का दौर हुआ शुरू


 
लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के नामांकन का दौर शुरू हो चुका है. सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों में सभी 80 सीटों को जीतने के नारे के साथ भाजपा ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. पश्चिमी यूपी की सियासी जमीन भाजपा के लिए चुनौती रही है. समाजवादी पार्टी से राहें अलग करते हुए भाजपा के साथ जयंत चौधरी आ गए हैं. मेरठ की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जयंत और एनडीए के दूसरे सभी सहयोगियों ने ताल ठोंक कर शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं प्रचार सभा से अभी तक विपक्षी दलों के शीर्ष नेता गैर मौजूद दिख रहे हैं.

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अखिलेश-मायावती की रैली का इंतजार:

दरअसल, दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन ने 31  मार्च को एकजुटता का प्रदर्शन किया. बताया गया था कि इसके बाद विपक्षी दल प्रचार के लिए रैली करेंगे. मगर अब तक इन शीर्ष नेताओं की रैली या प्रचार का कार्यक्रम का कोई शेड्यूल नहीं जारी किया गया. यहां तक कि खुद इन दलों के घोषित प्रत्याशियों को भी अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं के प्रचार कार्यक्रम का इंतजार है. 

सपा ने प्रत्याशियों की घोषणा में सबसे पहले तेजी दिखाई थी. सपा ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी कर दी. पर अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के किसी अन्य नेता का कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया गया. यहां तक कि शिवपाल सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव ने भी अब तक प्रचार के लिए कोई जनसभा नहीं की है. वहीं अगर बसपा की बात करें तो प्रचार के लिए पार्टी सुप्रीमो मायावती एक मात्र बड़ा चेहरा हैं. पर अब तक इनका प्रचार कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है. मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बना कर जिम्मेदारी सौंपी है. ये बताया जरूर गया है कि 6 अप्रैल से आकाश आनंद का प्रचार शुरू होगा. पर तब तक भाजपा के शीर्ष स्टार प्रचारकों की कई रैलियां हो चुकी होंगी.

 

 

राहुल, प्रियंका की रैली की मांग: 

अगर कांग्रेस की बात की जाए तो 40 स्टार प्रचारकों की सूची की घोषणा तो कर दी गई है पर किसी भी नेता का कार्यक्रम नहीं घोषित हुआ है. जानकारी के अनुसार, हमेशा की तरह घोषित उम्मीदवारों ने राहुल गांधी और यूपी में विशेष रूप से प्रियंका गांधी का कार्यक्रम मांगा है. पर अब तक दोनों का कोई प्रचार कार्यक्रम या रैली घोषित नहीं हुई है. ऐसे में प्रत्याशियों को अभी इंतजार करना पड़ रहा है. स्टार प्रचारकों की सूची में सोनिया गांधी का भी नाम है. हालांकि अमेठी-रायबरेली में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा को लेकर हो रही देरी पर भी सवाल उठ रहे हैं. जानकारी के अनुसार, सोनिया गांधी अमेठी और रायबरेली में प्रचार की कमान संभाल  सकती हैं. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि 31 मार्च को दिल्ली में विपक्ष की एकजुटता को लोगों ने देखा है. अब जल्दी ही यूपी में बड़ी जनसभाएं दिखाई देंगी.

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भाजपा ने प्रचार कार्यक्रम तेज किए:

31 मार्च को क्रांतिधरा मेरठ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हूंकार भरने के बाद भाजपा शृंखलाबद्ध तरीके से जनसभा और प्रचार कार्यक्रमों को शुरू करने जा रही है. गृहमंत्री अमित शाह मुजफ्फरनगर में 3 अप्रैल को रैली करेंगे. वहीं इसी दिन मुरादाबाद की चुनावी बैठक में भी शामिल होंगे. 3 अप्रैल को ही राजनाथ सिंह गाजियाबाद में नामांकन सभा में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां 6 अप्रैल को कालकागढ़ी चौक से घंटाघर तक रोड शो कर चुनावी माहौल बनाएंगे. पीएम के कुछ अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं, जिनकी औपचारिक घोषणा बाद में होगी. इनमें 6 अप्रैल को सहारनपुर में रैली, 9 अप्रैल को पीलीभीत में रैली और 16 अप्रैल को मुरादाबाद में रैली शामिल है.

सीएम योगी ने संभाली है प्रबुद्ध सम्मेलनों के माध्यम से प्रचार की कमान:

इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने मिशन 80 के लक्ष्य के साथ प्रचार अभियान तेज कर दिया है. जहां प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या अन्य शीर्ष नेताओं को जनसभा होनी हैं. वहां सीएम योगी पहले 'प्रबुद्ध सम्मेलन' करके चुनावी माहौल तैयार कर रहे हैं. रोज 3-4 सभाओं के हिसाब से योगी आदित्यनाथ अब तक करीब डेढ़ दर्जन प्रबुद्ध सम्मेलन कर चुके हैं. ऐसे में बीजेपी इस रणनीति पर भरोसा करके चल रही है कि दो बार एक क्षेत्र में लोगों के बीच जाने से प्रचार की सघनता बढ़ेगी.

 

 

वहीं, यूपी भाजपा के महामंत्री और मुजफ्फरनगर में अमित शाह की जनसभा के प्रबंधन में लगे पश्चिमी यूपी के प्रभारी सुभाष यदुवंश ने कहा, "प्रधानमंत्री जी की विश्वव्यापी और जन कल्याणकारी छवि के कारण विपक्ष ने पहले ही हथियार डाल दिया है और डिप्रेशन में चले गए हैं. विपक्ष के नेता 5 साल में जनता के बीच कभी नहीं गए. पूरे समय अपने परिवार के बारे में सोचते रहे. साथ ही अपने भ्रष्टाचार को छिपाने में व्यस्त रहे. अब क्या मुंह लेकर जनता में जाएंगे? भाजपा प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रचंड विजय प्राप्त करेगी."

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