सिपाही सचिन की हत्या करने वाले मुन्ना यादव की कहानी, 3.5 बीघा में इसका मकान, बेहद क्रूर है ये
यूपी तक की टीम ने जब सिपाही सचिन की हत्या करने वाले मुन्ना यादव का पूरा इतिहास खंगाला, तो उसमें इसके अपराध जगत में आने की पूरी कहानी सामने आई. खबर में आगे इस कहानी को तफ्सील से जानिए.
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Kannauj News: 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई. बता दें कि यहां अशोक उर्फ मुन्ना यादव नामक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाश और उसके बेटे ने फायर झोंक दिया. इस घटना के चलते सिपाही सचिन राठी की मौत हो गई. सिपाही सचिन की मौत के बाद से कन्नौज में कोहराम मचा है. आखिर मुन्ना यादव कौन है और कैसे यह अपराध जगत का इतना बड़ा नाम बन गया? यूपी तक की टीम ने जब इसका पूरा इतिहास खंगाला, तो उसमें इसके अपराध जगत में आने की पूरी कहानी सामने आई. खबर में आगे इस कहानी को तफ्सील से जानिए.
आपको बता दें कि अशोक उर्फ मुन्ना यादव बचपन से ही खुराफाती था. यह गांव में अपना वर्चस्व काम रखना चाहता था. इसी वर्चस्व को लेकर उसकी गांव के ही सोवरन यादव से रंजिश हो गई थी. इसी रंजिश के चलते मुन्ना ने 5 सितंबर 1998 को पहला कत्ल कर दिया था. इसके बाद सोवरन यादव के परिवार के लोगों ने ठीक 42 दिन बाद अशोक यादव के भाई का मर्डर कर दिया.
उसके बाद अशोक यादव ने 2005 में सोवरन यादव के भाई का मर्डर कर दिया और फिर अशोक यादव उर्फ मुन्ना अपराध जगत में आगे बढ़ता चला गया. धीरे-धीरे उसके ऊपर करीब 20 मुकदमे पुलिस फाइल में दर्ज हो गए. विशुनगढ़ पुलिस में उसकी पहचान हिस्ट्रीशीटर 40 ए के रूप में है.
ये है हिस्ट्रीशीटर मुन्ना का आपराधिक इतिहास
- 1- वर्ष-1998 में धारा-394/397/412 के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 2- वर्ष 1998 धारा-302 के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 3- वर्ष 1999 धारा-110जी के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 4- वर्ष 1999 धारा-3(1) के तहत गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई व रिपोर्ट थाना विशुनगढ़.
- 5- वर्ष 1999 धारा-307/504/506 के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 6- वर्ष 1999 धारा- 217/222/223/224/225/409 के तहत थाना सौरिख.
- 7- वर्ष 1999 धारा- 147/148/149/307/506 के तहत थाना बेवर जनपद मैनपुरी में रिपोर्ट.
- 8- वर्ष 2000 धारा-302 के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 10- वर्ष 2001 धारा-307 के तहत थाना छिबरामऊ में रिपोर्ट.
- 11- वर्ष 2001 धारा-4/25 के तहत थाना छिबरामऊ में रिपोर्ट.
- 12- वर्ष 2001 धारा-416/420 के तहत थाना छिबरामऊ में रिपोर्ट.
- 13- वर्ष 2001 धारा-364 के तहत थाना मोहम्मदाबाद, जनपद फर्रुखाबाद में रिपोर्ट.
- 14- वर्ष 2001 धारा-224/225 थाना जीआरपी जनपद फर्रुखाबाद में रिपोर्ट.
- 15- वर्ष 2001 धारा-307 के तहत थाना छिबरामऊ में रिपोर्ट.
- 16- वर्ष 2009 धारा-3(3) के तहत 9- वर्ष 2001 धारा-302/307 के तहत रिपोर्ट थाना विशुनगढ़ में.
- 17- वर्ष 2009 धारा- 3/10 के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 18- वर्ष 2010 धारा-110 G के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 19- वर्ष 2011 धारा-3 के तहत गुंडा अधिनियम के तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
- 20- वर्ष 2016 धारा-504/50 तहत थाना विशुनगढ़ में रिपोर्ट.
मुन्ना के दो बेटे नहीं रहते साथ
हिस्ट्रीशीटर के तीन बेटे हैं, जिनमें दो बेटे अमित और गौरव उसके साथ नहीं रहते. दबी जुबान में ग्रामीणों ने बताया कि बड़ा बेटा अमित पिछले दो सालों से घर पर नहीं आया है. वहीं, इसका सबसे छोटा बेटा अभय यादव उसके साथ वारदात वाले दिन घटनाक्रम में शामिल था और पुलिस के एनकाउंटर में वही घायल हुआ है. हिस्ट्रीशीटर की पत्नी श्यामा देवी को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है. मुन्ना की 11 साल की नाबालिग बेटी को रिश्तेदारों के हवाले सुपुर्द कर दिया गया है.
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घर से बरामद हुआ असलहों का जखीरा
मुन्ना को गिरफ्तार करने के बाद उसके घर की तलाशी के दौरान पुलिस को वहां से असलहों का जखीरा मिला. पांच तमंचे, एक डबल बैरल और एक रायफल भी बरामद हुई है.
करीब 3.50 बीघा में है मुन्ना का मकान
विशुनगढ़ थाने से एक किलोमीटर की दूरी पर सबसे पहले धीरपुर पड़ता है. उससे 300 मीटर की दूरी पर नगरिया है. उसके बाद 200 मीटर की दूरी पर धरनी गांव है. हिस्ट्रीशीटर मुन्ना नगरिया गांव का निवासी है. पहले उसका मकान गांव के अंदर था. बाद में उसने गांव से 100 मीटर की दूरी पर खेत में ही 5000 स्क्वायर फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में नया मकान बनाया.
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