UP: 10 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए योगी सरकार का मेगा प्लान

शिल्पी सेन

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उत्तर प्रदेश में निवेश और रोज़गार लाने के लिए फ़रवरी में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन किया जाएगा. इस समिट के ज़रिए यूपी सरकार ने क़रीब 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य राय किया है. इसके लिए जहां कई देशों को आमंत्रित किया गया है तो वहीं उन देशों में रोड शो भी आयोजित किए जाएंगे.22 नवबंर को दिल्ली में यूपी के मुख्यमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर्ज़ समिट के लोगो का अनावरण और ‘निवेश साथी’ पोर्टल का शुभारम्भ करने वाले हैं.

देश के सबसे बड़े प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश लाने की तैयारी शुरू हो गयी है. 10 से 12 फ़रवरी तक होने वाले ‘Global investors Summit’ के लिए तैयारी तेज़ हो गयी है.

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां इसके लिए लोगो (logo) जारी करने के साथ और दो पोर्टल (portal) की शुरुआत करने वाले हैं. वहीं 13 देशों के औद्योगिक मंत्रियों को न्योता भी भेजा गया है. निमंत्रण पत्र में यूपी में हाल के समय में हुई औद्योगिक प्रगति की विस्तृत जानकारी भी दी गयी है. UAE, जापान, जर्मनी, फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ़्रीका, ब्राज़ील, बेल्जियम, कनाडा, थाईलैंड जैसे देशों से यूपी में निवेश की उम्मीदें हैं. ख़ास बात ये है कि इन देशों में खुद मुख्यमंत्री और यूपी के दोनों डिप्टी सीएम रोड शो करके निवेश का माहौल बनाने वाले हैं. इसकी तैयारी की जिम्मेदारी सम्भालने वाले यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री का कहना है कि यूपी में अब बड़े निवेश के अवसर हैं.

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दरअसल यूपी में निवेश आकर्षित करने और रोज़गार देने के लिए पहले देश भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा चुका है. 2018 में पहला इन्वेस्टर्ज़ समिट आयोजित किया गया था. जिसमें देश की नामचीन कम्पनियों ने शिरकत की थी. इस समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर MoU साइन हुए थे.

उसी साल निवेश के समझौतों को हक़ीक़त में बदलने के लिए ‘Ground Breaking Ceremony’ हुई जिसमें उन समझौतों में से 61 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश की शुरुआत हुई. वहीं 2019 में दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी का आयोजन किया गया, इसमें 67 हज़ार रुपए के प्रस्तावों को अमली जामा पहनाया गया.

वहीं 2022 में 80 हज़ार करोड़ की योजनाओं को तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग के ज़रिए हकीकत में बदला गया. हालांकि उत्तर प्रदेश में विपक्ष के सियासी दलों का कहना है कि सिर्फ़ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर होते रहे. हक़ीक़त में यूपी को अब भी रोज़गार का इंतज़ार है. पर सरकार का दावा इससे अलग है.औद्योगिक विकास मंत्री का कहना है कि निवेश से पूरे यूपी की तस्वीर बदल गयी है. दूसरे देशों से निवेश आने के बाद यूपी को लाभ होगा.

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