जब मुख्तार अंसारी ने जेलर पर तानी थी पिस्टल, कहा- बाहर निकल, जिंदा नहीं छोडूंगा, जानें

कुमार अभिषेक

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उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में दोषी करार दिए जाने के बाद 10 साल की सजा हुई है. इसी के साथ मुख्तार के भाई और सांसद अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई है. ऐसे में अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता जाना तय माना जा रहा है. पहले माफिया डॉन अतीक का साम्राज्य का खात्मा और अब बाहुबली मुख्तार अंसारी को सजा, ये दोनों मामले यूपी में फिलहाल चर्चा का विषय बने हुए हैं.

इसी बीच आज हम आपको माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की दबंगई की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे सुन आप भी सकते में आ जाएंगे. ये मुख्तार अंसारी का वह दौर था जब वह खुद को कानून से ऊपर मानता था. अपनी इसी दबंगई के चलते मुख्तार अंसारी ने जेलर तक पर पिस्टल तान दी थी. यूपीतक से खास बात करते हुए पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने मुख्तार से जुड़ा ये पूरा मामला बताया.

अपने गुर्गों की तलाशी देख नाराज हो गया था मुख्तार

पूर्व जेलर शिव कुमार ने यूपीतक से बताया कि ये मामला साल 2003 का है. उस समय मुख्तार अंसारी लखनऊ जेल में बंद था और मैं वहां का जेलर था. मुख्तार उस समय निर्दलीय विधायक था तो उसका तेवर भी अलग था. वह जब चाहे किसी भी पार्टी के खेमे में जा सकता था.

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इसी दौरान एक दिन लखनऊ जेल में बंद मुख्तार ने साजिश के तहत एक पिस्टल जेल के अंदर मंगवाने की कोशिश की. मुख्तार का गुर्गा पिस्टल लेकर जेल के अंदर आने की कोशिश करने लगा. इस दौरान वहां मैं भी आ गया. मैंने इस दौरान मुख्तार के गुर्गे की तलाशी लेनी चाही तभी वहां मुख्तार भी आ गया.

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‘ये मेरा आदमी है, तलाशी नहीं ली जाएगी’

पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने आगे बताया कि जब मैंने मुख्तार के गुर्गे की तलाशी लेनी चाही तो मुख्तार वहां आ गया और वह मुझें रोकने लगा. उसने कहा कि तलाशी नहीं ली जाएगी. मगर मैंने कहा कि तलाशी जरूर ली जाएगी, क्योंकि बिना तलाशी के अंदर जेल में कोई भी नहीं आ सकता.

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पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने आगे बताया कि जब मैंने मुख्तार से कहा कि तलाशी जरूर ली जाएगी तो वह नाराज हो गया. उसने कहा कि मेरे दो आदमी अंदर जा रहे हैं, उनको रोककर दिखाओं. तब मैंने कहा कि इनकी हिम्मत है तो आगे बढ़ कर दिखा दें.

मुख्तार ने तान दी पिस्टल

पूर्व जेलर के मुताबिक, मुख्तार अंसारी काफी नाराज हो गया. उसने अपने गुर्गों से पिस्टल ली और सभी के सामने मुझ पर तान दी. इस दौरान मुख्तार ने उन्हें धमकी भी दी कि. मुख्तार ने कहा कि बाहर निकलों, तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा.

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मुख्तार का बढ़ गया बीपी

पूर्व जेलर के मुताबिक, उनकी और मुख्तार की बहस हो गई. मामला गरमा गया. हम दोनों को काफी लोग पकड़ हुए थे और बीच बचाव कर रहे थे. तभी मुख्तार की तबियत खराब हो गई. उसका बीपी बढ़ गया. पुलिस ने फौरन डॉक्टर को बुलाया. उस दिन मुख्तार इतने गुस्से में था कि उसने खाना भी नहीं खाया था.

शिव कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्तार की धमकी को लेकर मैंने आलमबाग थाने में उसके खिलाफ केस भी दर्ज करवाया.

2 जेलरों की हत्या का शक भी मुख्तार पर

पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने यूपी तक से बात करते हुए यह भी बताया कि मुख्तार के ऊपर 2 जेलरों की हत्या का भी शक है. लखनऊ जेल के जेलर आरके तिवारी की हत्या गवर्नर हाउस के पास कर दी गई थी तो वहीं जेलर अशोक गौतम की भी हत्या कर दी गई थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये दोनों हत्याएं मुख्तार अंसारी की साजिश के तहत की गई.

जेल के अंदर ऐसा था मुख्तार का असर

पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने आगे बताया, साल 2010 में मेरा ट्रांसफर गाजीपुर जेल में कर दिया गया. यह मुख्तार अंसारी का गढ़ था. गाजीपुर जेल में आधा स्टाफ इसी का था. जेल में बंद करीब 99% बंदी इसी के थे. जेल के अंदर मुख्तार का बहुत प्रभाव था. इसके लिए अलग से बैडमिंटन कोर्ट बना था. एक मंच भी बना हुआ था. इसके लिए जेल के अंदर ही बैरक नंबर 10 और 11 रिजर्व थे. यहां तक की मुख्तार के खास और मुख्तार का बहनोई भी वहीं रहता था.

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