यूपी: सीएम योगी के सबसे करीबी अधिकारी अवनीश अवस्थी के रिटायरमेंट पर सस्पेंस बरकरार!

कुमार अभिषेक

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उत्तर प्रदेश सरकार में सबसे ताकतवर नौकरशाह माने जाने वाले 87 बैच के आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी (Awanish awasthi) 35 साल की सर्विस के बाद 31 अगस्त की शाम को रिटायर हो जाएंगे. हालांकि ये तभी संभव होगा यदि आखिरी वक्त में सेवा विस्तार का कोई फैसला नहीं आए तो. यानी उनके रिटयरमेंट पर सस्पेंस अभी बरकरार है.

यूपी के ब्यूरोक्रेसी में पिछले एक महीने से अवनीश अवस्थी के सेवा विस्तार को लेकर लगातार अटकलें लग रही थीं. चर्चा इस बात की थी कि उनके सेवा विस्तार की चिट्ठी केंद्र को भेजी गई है, लेकिन उसपर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है.

माना यह जा रहा था कि अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीब हैं और योगी उनपर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. ऐसे में अगर वह अवनीश अवस्थी के लिए एक्सटेंशन चाहेंगे तो केंद्र सेवा विस्तार दे सकता है. फिलहाल अवनीश अवस्थी के सेवा विस्तार की उम्मीदें क्षीण होती दिख रही हैं. यहां तक कि अवनीश अवस्थी को करीब से जानने वाले भी बता रहे हैं कि सेवा विस्तार नहीं मिलेगा और वह बुधवार को रिटायर हो जाएंगे.

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सेवा विस्तार नहीं मिलने की ये हो सकती है वजह

कई नौकरशाह यह बताते हैं कि अगर अवनीश अवस्थी को सेवा विस्तार नहीं मिलता तो इसके पीछे वजह प्रशासनिक है न कि सियासी. जानकारों के मुताबिक देश में कहीं भी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) जो कि राज्यों में तैनात हैं उन्हें सेवा विस्तार देने का कोई उदाहरण नहीं है. यानी एसीएस रहते सेवा विस्तार नहीं मिल सकता. सिर्फ डीजीपी और चीफ सेक्रेट्री को ही सेवा विस्तार मिल सकता है.

अवनीश अवस्थी न तो चीफ सेक्रेटरी है और ना ही डीजीपी, ऐसे में उन्हें सेवा विस्तार मिलना लगभग नामुमकिन है. वैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी नौकरशाह होने की वजह से यह माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री की अगर इच्छा होगी तो उन्हें केंद्र सरकार एक्सटेंशन दे सकती है.

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ऐसे बने करीबी

जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं तब से कोई एक अधिकारी जिसे सबसे करीब माना गया वे हैं अवनीश अवस्थी है. यह करीबी भी आज के नहीं बल्कि 2002-2003 के हैं. ये तब की बात है जब अवनीश अवस्थी गोरखपुर के डीएम हुआ करते थे और योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद. जो संबंध 2002-2003 में योगी से बने उसे सीएम योगी ने निभाया और मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें सूचना, यूपीडा और धर्माथ कार्य जैसे विभाग दे दिया. अवनीश अवस्थी ने पहले कार्यकाल के 4 सालों तक उनका पीआर और ब्रांडिंग करने में मदद की.

अवनीश अवस्थी को जब गृह विभाग दिया गया तब उसके बाद कई ऐसे बड़े फैसले योगी आदित्यनाथ ने लिए जिसने योगी के मॉडल को आगे किया. चाहे सीएए एनआरसी हो, माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार का बुलडोजर हो, धर्मस्थलों से लाऊड स्पीकर उतारना हो, एनकाउंटर जैसी पालिसी हो, सभी के पीछे अवनीश अवस्थी का भी अहम रोल माना जाता था.

बहरहाल अगर अवनीश अवस्थी 31 अगस्त को रिटायर होते हैं तो एक सफल नौकरशाह और सीएम योगी के दिमाग को पढ़कर फैसले लेने वाले अधिकारी के तौर पर याद रखे जाएंगे.

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