बरेली में बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर भी हुए हैरान, मासूम को देखकर परिवार में मचा कोहराम

कृष्ण गोपाल यादव

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब घटना होने से चिकित्सा जगत में हलचल मच गई है. बरेली के अस्पताल में एक दुर्लभ तरह का बच्चा पैदा हुआ जो कि जन्म से पूर्व गर्भ में ही मर चुका था. बताया जा रहा है कि बच्चे का रंग पूरी तरह से सफेद था. बच्चा जब पैदा हुआ तो दांत ऊपर के निकले हुए थे. बच्चे की आंखें की पलके भी पलटी हुई थी और त्वचा भी जगह-जगह से फटी हुई थी. यह दृश्य देखकर डॉक्टर स्टाफ भी एक पल को घबरा गए और परिवार के लोग भी हैरान रह गए. हालांकि डॉक्टरों ने इस बीमारी का पता लगाने के लिए बच्चे के त्वचा के सैंपल लेकर प्रयोगशाला भेजे हैं.

हार्लेक्विन इक्थियोसिसु बीमारी से पीड़ित

बताया जा रहा है कि दुर्लभ आनुवांशिक त्वचा विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिसु) से बच्चा पीड़ित था. इस पीड़ित बच्ची का राजेंद्र नगर के एक निजी अस्पताल बृहस्पतिवार को जन्म हुआ. डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ में ही मृत्यु हो चुकी थी. इसके अलावा बीमारी की वजह पता करने के लिए डॉक्टरों ने स्किन बायोप्सी और केरिया टाइमिन जांच के लिए सैंपल लिया है, जिससे कि पता चल सके कि ऐसा क्यों हुआ.

परिवार में मचा कोहराम

जानकारी के मुताबिक बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी में रहने वाले दंपति परिवार में पैदा हुआ गर्भ में ही बच्ची की मौत हो चुकी थी. लेकिन जब इलाज के लिए यह बरेली के एक निजी अस्पताल पहुंचे तो बच्चे का जन्म हुआ. पैदा होते ही बच्चे की त्वचा फटी हुई थी. बच्चे का रंग बिल्कुल सफेद था. ऊपर के दांत निकले हुए थे और आंखों की पलकें पलटी हुई थी. जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. अस्पताल का डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी घबरा गया. बच्चे के जन्म के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

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देश मे पहले भी आ चुका है केस

वहीं बरेली के डॉक्टर का कहना है कि हार्लेक्विन बेबी के जन्म के मामले देश में इससे पहले भी आ चुके हैं. हालांकि, उन बच्चों की जान बची या नहीं इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी है. हालांकि इसकी जांच के लिए भी डॉक्टर ने सैंपल लेकर प्रयोगशाला भेजा है. डॉक्टर अनुमान लगा रहे हैं कि शरीर में प्रोटीन और म्यूकस मेंबरेन की गैर-मौजूदगी की वजह से बच्चे की यह हालत होती है. ऐसे में जन्म लेने वाले बच्चे की त्वचा एकदम सख्त और मोटी हो जाती है. इसके साथ ही त्वचा का रंग सफेद हो जाती है. कई बार गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाती है.

पूरे दिन होती रही चर्चा

अस्पताल में इस तरह का बच्चा पैदा हो जाने के बाद पूरेदिन चर्चा का माहौल गरम रहा. चिकित्सा जगत में भी लोग इस बच्चे की बीमारी को जानने के लिए फोन आते रहे. तो अस्पताल में भी स्टाफ और बाकी लोग भी जानना चाहते थे कि आखिर किस तरह के बच्चा हुआ है और इसका कारण क्या है.

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