एटा में कलश यात्रा रोके जाने का पूरा विवाद क्या है? जिसमें आमने-सामने आया ठाकुर और दलित समाज
UP News: उत्तर प्रदेश के एटा में दलित और ठाकुर समाज आमने-सामने आ गया. ये पूरा विवाद कलश यात्रा निकाले जाने को लेकर शुरू हुआ. जानिए ये पूरा मामला.
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UP News: उत्तर प्रदेश के एटा में जातीय संघर्ष का मामला सामने आया है. यहां कलश यात्रा को लेकर विवाद हो गया. आरोप है कि ठाकुर समाज द्वारा आयोजित कलश यात्रा को दलित समाज द्वारा रोक लिया गया और कलश यात्रा को अपने मोहल्ले से नहीं निकलने दिया. इसके बाद ठाकुर और जाटव समाज आमने-सामने आ गया. मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. 2 घंटे तक बहस हुई औऱ हंगामा हुआ. फिर पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर कलश यात्रा संपन्न करवाई.
क्या था पूरा मामला?
ये पूरा मामला एटा के जलेसर के जैनपुरा गांव से सामने आया. यहां भागवत कथा के दौरान कलश यात्रा पर बवाल हो गया. ठाकुर और दलित (जाटव) समुदाय आमने-सामने आ गया. दरअसल, ठाकुर समुदाय द्वारा आयोजित की जा रही भागवत कथा के तहत रविवार को कलश यात्रा निकाली जा रही थी. यह यात्रा जब जाटव समुदाय के मोहल्ले के पास पहुंची, तो जाटव समुदाय के लोगों ने रास्ता रोक दिया और यात्रा को अपने मोहल्ले से न निकलने देने की बात कही.
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दलित समाज ने बताई ये वजह
इसके पीछे जाटव समुदाय का आरोप था कि ठाकुर समुदाय ने 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर उनकी शोभायात्रा को नहीं निकलने दी थी. ऐसे में अब वे भी कलश यात्रा को अपने इलाके से नहीं गुजरने देंगे.
नई परंपरा शुरू करने का विरोध कर रहा था ठाकुर समाज
दूसरी तरफ ठाकुर समुदाय का कहना था कि गांव में कभी भी अंबेडकर जयंती की यात्रा की परंपरा नहीं रही थी. यहां नई परंपरा शुरू करने की कोशिश की जा रही थी. ठाकुर समाज का ये भी कहना था कि प्रशासन द्वारा भी इसकी परमिशन नहीं मिली थी. दूसरी तरफ भागवत कथा एक धार्मिक आयोदन है, जो हर साल गांव में किया जाता है और परंपरा के तहत कलश यात्रा निकाली जाती है. आखिर में पुलिस और दोनों समाजों के बुजुर्गों ने समझाया और विवाद का हल हुआ.
पूरा विवाद जानने के लिए ये वीडियो देखिए