गिरफ्तारी से बचने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की कोशिश में कुलपति विनय पाठक
कानपुर की छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) की गिरफ्तारी जहां यूपी एसटीएफ के लिए पहेली बना हुआ है तो…
ADVERTISEMENT
कानपुर की छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) की गिरफ्तारी जहां यूपी एसटीएफ के लिए पहेली बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ विनय पाठक अभी भी कानूनी दांवपेच आजमाने में जुटे हुए हैं. यूपी एसटीएफ को हाल ही में भेजा गया बीमारी का मेल इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.
बीते मंगलवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने विनय पाठक की जमानत याचिका को खारिज करते हुए राहत देने से इंकार कर दिया. लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में दर्ज बंधक बनाकर रंगदारी वसूली की एफआईआर में विनय पाठक नामजद आरोपी हैं.
एफआईआर में दूसरे आरोपी अजय मिश्रा को यूपी एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अब विनय पाठक की तलाश की जा रही है.
विनय पाठक की तलाश में यूपी एसटीएफ की टीमें उनके करीबियों पर नजर बनाई हुई हैं. सर्विलांस के जरिए टोह लेने की कोशिश की जा रही है. मगर विनय पाठक ने 3 दिन पहले केस के जांच अधिकारी को कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के अधिकारिक मेल आईडी से एक मेल भेजा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि वह बीमार है और इलाज करा रहे हैं. यूपी एसटीएफ ने भी ईमेल में पूछ लिया कि क्या बीमारी है, कौन डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, प्रिस्क्रिप्शन मेल कर दीजिए. लेकिन विनय पाठक ने यूपी एसटीएफ के इस मेल पर कोई जवाब नहीं दिया.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
यूपी एसटीएफ विनय पाठक की चुप्पी को अब कानूनी दांव मान रही है. एसटीएफ के अफसरों को अंदेशा है कि विनय पाठक सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर से अरेस्ट स्टे लेने की कोशिशों में जुटे हैं.
माना जा रहा है कि विनय पाठक बीमारी का ग्राउंड बताकर और खुद के खिलाफ कोई सीधा सबूत ना होने की दलील देकर सुप्रीम कोर्ट से राहत लेने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यूपी एसटीएफ भी अपने कानूनी दस्तावेजों को तैयार कर रही है. यूपीएसटीएफ के लिए विनय पाठक की गिरफ्तारी बेहद जरूरी हो गई है, क्योंकि विनय पाठक की गिरफ्तारी से ही विश्वविद्यालय में ठेके के कमीशन की पूरी कड़ी सामने आ सकेगी.
ADVERTISEMENT
सरकार किसी की भी रही हो, VC की कुर्सी नहीं छूटी! जानिए विनय पाठक के नेटवर्किंग की कहानी
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT