कांवड़ यात्रा के बीच मुजफ्फरगर के ढाबों-होटलों में हिंदू-मुस्लिम नाम का विवाद! पूरा मामला समझिए

संदीप सैनी

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मुजफ्फरनगर में फलों और दुकान वालों ने टांगे अपने-अपने नाम
मुजफ्फरनगर में फलों और दुकान वालों ने टांगे अपने-अपने नाम
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Uttar Pradesh News :  सावन का महीना हिन्दू  धर्म के सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है.  सावन के महीने में लोग कावड़ यात्रा भी करते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस ने सभी होटलों, दुकानदारों और ठेले वालों को मालिक का नाम सार्वजनिक रूप से लिखने का निर्देश दिया है. इस मामले ने तूल पकड़ लिया और इस पर सियासी बहस शुरू हो गई है. पुलिस के इस फरमान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा सुप्रिमो मायावती से लेकर  AIMIM के अध्यक्ष असद्उद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है.

मामले ने पकड़ा  तूल

मुज़फ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपने नाम और पहचान लिखने वाले फरमान पर सियासत तेज हो गई है. अखिलेश यादव ने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं. सपा प्रमुख ने इस मामले पर कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने की भी बात कही. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि, टपश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले.'

वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले. इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जुडेनबोयकोट था.' 

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पुलिस ने दिया था ये फरमान

दरअसल, पुलिस ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो. पुलिस ने कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटलों, दुकानों और ठेले वालों से अपनी दुकान के आगे नाम लिखने को कहा है.


मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने इस मामले कही थी ये बात

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मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा था कि, “कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर का रूट है. इसमें खाने-पीने की दुकानें, होटल, ढाबे और ठेले हैं, जहां से भी कांवड़िए खाने-पीने का सामान खरीद सकते हैं, उनको निर्देश दिया गया कि अपने प्रोपराइटर और मालिक का नाम बोर्ड पर जरूर लिखें. यह निर्देश इसलिए जरूरी है जिससे किसी भी कांवड़िए के मन में कोई कंफ्यूजन ना हो, बाद में कोई आरोप-प्रत्यारोप ना हो और कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रही. सब अपने मन से इसका पालन कर रहे हैं.”

आपको बता दें कि कावड़ मेले के दौरान शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर जाते हैं. 

 

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