बिजलीकर्मियों की हड़ताल से मचा हाहाकार, अंधेरे में डूबे UP के शहर और गांव, सड़कों पर उतरी जनता

अभिषेक मिश्रा

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UP Electricity Workers Strike: उत्तर प्रदेश में रविवार को तीसरे दिन भी हड़ताल लगातार जारी है. शनिवार को बिजली संघर्ष समिति और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रहा. प्रदेश के कई जिलों में बिजली गुल हो गई है. कई गांव तीन दिनों से अंधेरे में डूबे हुए हैं. इस बीच बिजली संकट से परेशान लोग सड़कों पर उतर आए हैं. पूर्वांचल से लेकर पश्चिमांचल तक इस हड़ताल का असर घरों और उद्योगों पर पड़ा है.

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के तीसरे दिन बिजली व्यवस्था पर असर दिखाई दिया. अनपरा बिजलीघर में 500 मेगावाट क्षमता की एक अन्य इकाई को बिजली कर्मियों के नहीं आने के कारण बंद करना पड़ा. इसके अलावा ओबरा ताप विद्युत गृह की कुल 1000 मेगावॉट क्षमता की पांच इकाइयों ने काम करना पूरी तरह बंद कर दिया है.

इसके साथ ही अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयां कल हड़ताल के पहले दिन बंद रहीं. पारीछा थर्मल पावर स्टेशन में कल 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई को बंद करना पड़ा. इस तरह अब तक उत्पादन निगम में 2950 मेगावाट क्षमता की 12 ताप विद्युत इकाइयां बंद हो चुकी हैं. ट्रांसमिशन की कई लाइनें बंद हो चुकी हैं और 33/11 केवी वितरण उपकेन्द्रों पर विद्युत कर्मियों की अनुपलब्धता के कारण बिजली वितरण व्यवस्था चरमरा रही है. आइए एक नजर डालते हैं, कुछ जिलों में चल रहे हड़ताल से संकट के हालात पर.

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लखनऊ का ऐसा है हाल

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर राजधानी लखनऊ में भी दिखाई दिया, जहां कुछ इलाकों में बिजली कटौती की समस्या रही. यहां डीएम ने इलेक्ट्रिसिटी कर्मचारियों की हड़ताल पर जब एक ख़ुद एक सब स्टेशन पर जाकर लाइट संचालन शुरू करवाया. बहुत देर से लखनऊ के फैज़ुल्ला गंज क्षेत्र में बिजली ना आने से लोग परेशान थे. जिसकी सूचना डीएम सूर्यपाल गंगवार को मिली जिसके बाद ख़ुद पहुंचकर इलेट्रिक्सिटी सप्लाई शुरू करवायी. हालांकि राजधानी में बिजली सप्लाई जारी है,लेकिन पुराने लखनऊ समेत बाहरी इलाकों में कटौती चल रही है.

फर्रुखाबाद में भी हाल बेहाल

विद्युत कर्मियों की हड़ताल से जनपद में हालात खराब होने के चलते प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 13 संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी है. बिजली कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से हालात खराब होने लगे थे. जिसके चलते जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और 132 केवीए बिजली घर राजेपुर व अमृतपर क्षेत्र के चारों केंद्रों की 33 केवीए की लाइन में बिजली कर्मियों द्वारा फाल्ट कर बिजली व्यवस्था बाधित करने की साजिश रची गई थी. साजिश को उजागर करते हुए बिजली कर्मियों को चिन्हित कर 13 संविदा बिजली कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गयी. जनपद कि शहरी क्षेत्र में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 100 गांव की अभी भी बिजली ठप बनी हुई है.

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मुजफ्फरनगर

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के भी कई हिस्सों में 24 घंटे से भी अधिक समय से बत्ती गुल है. जिसके चलते जनता जगह-जगह सड़कों पर निकल कर विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आ रही है. हालात को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा रुड़की रोड स्थित बिजलीघर के 10 कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. लेकिन हड़ताल पर कर्मचारी टस से मस नहीं हुए.

प्रयागराज के कई इलाकों में बिजली गुल

प्रयागराज में भी बिजली का संकट गहराता जा रहा है. दो दिनों से शहर के कई इलाकों में बिजली नही है. जिससे पानी की समस्या बढ़ गई है. करेली,खुल्दाबाद,धूमनगंज,कटरा, कर्नलगंज समेत अन्य इलाके बिना बिजली के जूझ रहे है. हड़ताल के कारण जहां फाल्ट है वो बन नही पा रहा,जगह जगह लोग बिजली न होने से परेशान है और धरना देकर अपना विरोध जता रहे है.

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हरदोई

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर कुछ कस्बो और ग्रामीण इलाकों में दिखाई देने लगा है. बिजली हड़ताल के दौरान लगभग दो दर्जन केंद्रों में खराबी आने की वजह से कुछ उप केंद्रों पर तो मरम्मत के बाद विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई. लेकिन अभी भी आधा दर्जन से अधिक उप केंद्र ऐसे हैं जहां विद्युत आपूर्ति बाधित है जबकि अधीक्षण अभियंता के दफ्तर के बाहर विद्युत कर्मियों का अनवरत आंदोलन जारी है. पाली उपकेंद्र की मेल लाइन खराब हो जाने की वजह से उपकेंद्र ठप्प हो गया है इससे 100 से अधिक गांव प्रभावित हैं.

फ़िरोज़ाबाद

फिरोजाबाद में बिजली की आपूर्ति ठीक तरह से ना मिलने के कारण कई जगह लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा. फ़िरोज़ाबाद में विद्युत कर्मी हड़ताल पर हैं वहीं अधिकांश इलाकों में रविवार को भी सुबह 4 घंटे से बिजली गायब है. खास बात यह है कि बिजली शहर में अधिकांश इलाकों में नहीं आ रही जिन इलाकों में बिजली आ भी ही रही है वहां हाई और लो वोल्टेज की बहुत अधिक समस्या है. जिससे घरेलू विद्युत से चलने वाले उपकरण या तो चल नहीं पा रही या खराब हो रहे हैं लेकिन इसकी जिम्मेदारी कोई भी लेने को तैयार नहीं.

एटा

जनपद में बिजली कर्मियों की हड़ताल से 103 गांव की बिजली ठप्प पड़ गयी. जिसके चलाते जिला प्रशासन ने 65 संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है. हड़ताल के मद्देनजर आपात स्थिति से निपटने के लिए विद्युत फीडरों पर पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. जिससे विद्युत आपूर्ति सुचारु रूप से चल सके. हड़ताल लम्बी खिंचने की आशंका के चलाते जिला प्रशासन दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रहा है.

वाराणसी  में ऐसा है हाल

बिजली कर्मियों की 72 घंटों की हड़ताल के चलते वाराणसी में भी जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. वाराणसी के ज्यादातर हिस्से में बिजली गुल है. सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों के सारे दावे फेल हो चुके हैं. हड़ताल के अंतिम दिन आलम यह है कि बिजली न होने के चलते पानी संकट भी गहरा गया है. चाहे शहरी इलाका हो या फिर ग्रामीण सभी जगह बिजली और पानी को लेकर उहाफोह मचा हुआ है. ग्रामीण इलाकों में जहां नलकूप बंद पड़े हैं और फसलों की सिंचाई तक नहीं हो पा रही है तो वहीं दूसरी तरफ शहरी इलाकों में बाजार से लेकर सड़क गली चौराहा और यहां तक कि सरकारी इमारतों में भी बिजली की किल्लत लिखना शुरू हो गई है. वाराणसी में बिजली संकट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ कल अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन काल भैरव मंदिर पहुंचे थे तो उन्हें अंधेरे में ही दर्शन पूजन करना पड़ा

रायबरेली

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल का भारी असर रायबरेली में भी देखने को मिल रहा है रायबरेली के 3000 गांवों में करीब 1000 गांव ऐसे हैं जहां पर बिजली गुल है. शहरी क्षेत्र के करीब 70 मोहल्लों में बिजली का संकट अनवरत जारी है लोगों को पीने के पानी तक खत्म हो गया है. बिजली विभाग की हड़ताल ने आम जनमानस के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावित किया है. एम्स वा जिला अस्पताल में कई घंटे बिजली रही.

चंदौली

बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण जनपद के बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है.मुख्यालय को छोड़कर चकिया, शाहबगंज, मुगलसराय, सैयदराजा, बबुरी सहित तमाम क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों में विद्युत विभाग के कर्मचारियों का हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शासन और प्रशासन के लोग भले ही दावा कर रहे हो कि विद्युत व्यवस्था बाहर हो जाएगी किसी प्रकार की उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी, लेकिन उपभोक्ता परेशान है.

कंट्रोल रूम में दिन भर घन-घन आती रही टेलीफोन घंटियां

जिला प्रशासन की ओर से बिजली व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. साथ ही दूरभाष नंबर 05412- 262557 व 260149 जारी किया गया है. जहां पर लोग शिकायत कर बिजली व्यवस्था को ठीक करा कर सके, लेकिन 120 से अधिक लोगों ने इस नंबर पर शिकायत की. इसके बावजूद भी इलिया शहाबगंज व सैयदराजा सहित कई क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई. वहां तैनात कर्मचारियों का कहना है कि लोगों की शिकायतें बार-बार आ रही है उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिम तकनीकी दिक्कतों के चलते ठीक नहीं किया जा सका.

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