पूरा परिवार हल्का महसूस कर रहा...पहलगाम में मारे गए शुभम द्विवेदी के पिता का रिएक्शन आया सामने

यूपी तक

Indian Air Force Strike: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर रिएक्शन दिया है. उन्होंने सेना को सलाम और PM मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से उनका परिवार हल्का महसूस कर रहा है.

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Sanjay Dwivedi, father of Shubham Dwivedi.
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Indian Air Force Strike: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 लोगों की ह्त्या की गई, जिनमें उत्तर प्रदेश के कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे. इस कायराना हमले के जवाब में भारतीय सेना की तरफ से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. इस बीच शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी का भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई पर पहला रिएक्शन सामने आया है.  

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में संजय द्विवेदी ने कहा, "मैं लगातार खबरें देख रहा हूं. मैं भारतीय सेना को सलाम करता हूं और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने देश के लोगों का दर्द सुना. जिस तरह से भारतीय सेना ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को नष्ट किया है, उसके लिए मैं हमारी सेना को धन्यवाद देता हूं...जब से हमने यह खबर सुनी है, मेरा पूरा परिवार हल्का महसूस कर रहा है..."

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आज स्कूल खुलेंगे?

आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना द्वारा की गई ये बड़ी कार्रवाई कार्रवाई के बाद देश के सभी राज्यों में हालात सामान्य बने हुए हैं. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं. फिलहाल स्कूलों के संबंध में कोई सरकारी एडवाइजरी जारी नहीं की गई है, इसलिए बच्चों को सामान्य रूप से स्कूल भेजा जा सकता है. लेकिन अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे स्कूल प्रशासन द्वारा भेजे गए किसी भी मैसेज या ईमेल को जरूर चेक कर लें, ताकि अगर स्कूल ने अवकाश या अन्य कोई निर्णय लिया हो, तो उसकी जानकारी पहले से मिल सके. 

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‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों पड़ा?

इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह उन महिलाओं के सिंदूर का बदला है, जिनके माथे से उनके सुहाग का नाम मिटा दिया गया. यह नाम उन आंसुओं की पहचान है, जो 15 दिन से बिना रुके बह रहे थे. यह एक श्रद्धांजलि है उन 26 बेकसूरों को, जिनकी जान सिर्फ इसलिए ली गई क्योंकि वे भारतीय थे. भारत ने साफ कर दिया है कि हर आंसू का जवाब होगा और कोई भी बलिदान बेकार नहीं जाएगा.

 

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