फिर से चुनाव लड़ने की बात और अखिलेश यादव से उनकी ख्वाहिश... इस पॉडकास्ट में क्या-क्या बोल गए आजम खान!
पिछले दिनों सीतापुर जेल से बाहर आए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान लगातार चर्चा में हैं. पिछले कुछ इंटरव्यू में आजम खान ने ऐसे इशारे किए कि कहीं न कहीं उनकी नाराजगी समाजवादी पार्टी और उसके नेतृत्व से जरूर है.
ADVERTISEMENT

पिछले दिनों सीतापुर जेल से बाहर आए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान लगातार चर्चा में हैं. पिछले कुछ इंटरव्यू में आजम खान ने ऐसे इशारे किए कि कहीं न कहीं उनकी नाराजगी समाजवादी पार्टी और उसके नेतृत्व से जरूर है. अब आजम खान ने यूपी Tak के शो ‘यूपी की बात’ में हमारे चैनल के एग्जीक्यूटिव एडिटर कुमार अभिषेक के साथ पॉडकास्ट में खुलकर अपने मन की बातें साझा कीं हैं. इसमें उनके सपा छोड़कर बसपा में जाने की चर्चा, अखिलेश से नाराजगी की बात समेत तमाम मुद्दों पर बात हुई है और आजम खान ने सबकुछ साफ-साफ बताया भी है.
यूपी Tak के इस फुल पॉडकास्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है.
साफ है कि लंबे समय लंबे समय तक जेल में रहने के बाद पहली बार किसी विस्तृत चर्चा में आए आज़म खान ने कहा कि वे चाहे जेल में हों या बाहर, चर्चा से कभी दूर नहीं रहते. उन्होंने टिप्पणी की है कि 'जिस दिन हम चर्चा, पर्चा और खर्चा से महरूम हो जाएंगे, उस दिन हमारी कब्र होगी.'
आज़म खान ने इस पॉडकास्ट में चुनाव आयोग और न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन पर भी वही धाराएं लगी थीं, लेकिन उनके खिलाफ इतनी सख़्त कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उन्हें महज पांच घंटे में सदस्यता से बाहर कर दिया गया और चुनाव घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यही हालात थे जिनकी वजह से उनकी जीत महज हालात की जीत रही, न कि किसी की वास्तविक ताकत की वजह से.
यह भी पढ़ें...
पूर्व मंत्री ने इस पॉडकास्ट के दौरान अपने राजनीतिक सफर और जेल के अनुभव पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अब वक्त बदल गया है, पहले अंग्रेज भी कैदियों को इज़्ज़त देते थे, लेकिन आज स्थिति उलट है और सम्मानित लोगों को सबसे ज्यादा बेइज्जत किया जाता है. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें किसी पार्टी या सरकार से शिकायत नहीं है, बल्कि शिकवा केवल बदलते दौर से है जिसमें समाज और राजनीति दोनों पिछड़ गए हैं.
आज़म खान ने विश्वास जताया कि उनका संघर्ष जारी रहेगा. आजम खान ने कहा कि “गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में. वो तिफ़्ल (बच्चा) क्या लड़ेगा जो घुटनों पर चले.” उन्होंने आगे कहा कि अगर जिंदा रहेंगे तो गाजी कहलाएंगे और अगर मर गए तो शहीद कहलाएंगे. इस पूरे पॉडकास्ट में आज़म खान ने साफ किया कि वे हार मानने वाले नहीं हैं और राजनीतिक व सामाजिक जंग लड़ते रहेंगे.
ये भी पढ़ें: अपराध के आंकड़े आए तो अखिलेश बोले- सच से आंखें न मूदें, NCRB की रिपोर्ट पढ़ें तो पुलिस बोली- हमारा क्राइम कंट्रोल सबसे अच्छा