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उत्तर प्रदेश में कृषि ड्रोन खरीदने पर 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी, डिपार्टमेंट की ये पूरी स्कीम जान लीजिए

यूपी तक

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दीपावली और 'GST उत्सव' के मौके पर राज्य के किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने किसानों को कृषि यंत्रों और उपकरणों पर सब्सिडी प्राप्त करने का सुनहरा अवसर दिया है. विस्तार से जानिए पूरी खबर.

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Agriculture Drone
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UP News: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. सूबे की योगी सरकार ने दीपावली के मौके पर किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार अब किसानों को खेती के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों और औजारों (कृषि यंत्रों) पर सब्सिडी देगी. जो किसान खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं और पराली (फसल के अवशेष) जलाने से रोकना चाहते हैं उनके लिए यह सुनहरा मौका है. 

किन यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी?

सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन के अंतर्गत- लेजर लैंड लेवलर, पौटैटो प्लांटर, पौटैटो डिगर, ग्राउंड नट डिगर, ग्राउंड नट पॉड स्ट्रीपर, शुगरकेन कटर प्लांटर, शुगरकेन थ्रेस कटर, न्युमेटिक प्लांटर, मल्टीक्रॉप प्लांटर, पावर ऑपरेटेड चैफ कटर, स्ट्रा रीपर, मिनी राइस मिल, मिनी दाल मिल, मिलेट मिल, सोलर ड्रायर, क्लीनर कम ग्रेडर, ऑयल मिल विद फिल्टर प्रेस, पैकिंग मशीन, रोटावेटर, हैरो, कल्टीवेटर, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, मल्टीकाप थ्रेसर, कम्बाइन हार्वेस्टर ट्रेक्टर पॉवरड (विदआउट ट्रेक्टर), पावर टीलर, पावर वीडर, किसान ड्रोन, कम्बाइन हार्वेस्टरविद सुपर एसएमएस, ट्रेंच प्लांटर/ मैकेनिकल ट्रेंच प्लांटर/शुगर केन सेटलिंग प्लांटर, पॉवर ऑपरेटेड शुगर केन सेट ट्रीटमेंट डिवाइस, शुगरकेन रैटून मैनेजर, शुगरकेन पॉवर वीडर/इंटर से कम इंट्रा रो वीडर (पीटीओ ऑपरेटेड), कस्टम हायरिंग सेंटर, हाई टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग एवं फार्म मशीनरी बैंक, आदि.

फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत- सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेन्ट सिस्टम, हैप्पी सीडर / स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर/श्रेडर/मल्वर, श्रब मास्टर/रोटरी स्लैशर, सर्फेस सीडर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एमबी प्लाऊ, मिनी / मीडियम बेलिंग मशीन, बिग बेलिंग मशीन, स्टॉ रेक, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, क्रॉप रीपर ट्रैक्टर माउंटेड/सेल्फ प्रोपेल्ड, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाइंडर और कस्टम हायरिंग सेन्टर इत्यादि यंत्र की बुकिंग की जाएगी.

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त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के अंतर्गत मेज सेलर, पॉपिंग मशीन और बैच ड्रायर की बुकिंग की जाएगी.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत थ्रेसिंग फ्लोर और स्मॉल गोदाम की बुकिंग की जाएगी.

कृषि रक्षा योजना के अंतर्गत नैप सेक स्प्रेयर (मानव चालित) एवं नैप सेक स्प्रेयर (पॉवर चालित) की बुकिंग  की जाएगी.

नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल (ऑयलसीड्स) 2025-26 योजना के अंतर्गत ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट और मिनी ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की बुकिंग की जाएगी.

आवेदन के ये हैं नियम?

यह जानकारी मुख्य रूप से दो बातों पर है: ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की बुकिंग और आवेदन के लिए मोबाइल नंबर से जुड़े नियम.

1. ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट के लिए बुकिंग:

सरकार की 'राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन' योजना के तहत आप तेल निकालने की मशीन (ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट) और छोटी तेल निकालने की मशीन (मिनी ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट) की बुकिंग कर सकते हैं. 

2. आवेदन का तरीका (पोर्टल):

आपको विभाग के नए पोर्टल www.agridarshan.up.gov.in पर जाना होगा. वहां किसान कॉर्नर के लिंक में यंत्र बुकिंग प्रारम्भ पर क्लिक करके ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. 

3. मोबाइल नंबर और OTP से जुड़े जरूरी नियम:

आवेदन पक्का करने के लिए आपके मोबाइल नंबर पर OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा. अगर पोर्टल पर आपका मोबाइल नंबर पुराना या बंद है, तो आपको नया नंबर अपडेट करने का विकल्प मिलेगा. लेकिन नया नंबर अपडेट करने के लिए आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिससे आपकी पहचान पक्की हो सके. आप अपना या अपने खून के रिश्तेदार (जैसे माता, पिता, भाई, बहन, बेटा, बेटी या पुत्र वधू) का ही मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं. सबसे जरूरी बात यह है कि एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल एक से ज्यादा किसान रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं कर सकते हैं. सत्यापन (जांच) के समय इस नियम की पुष्टि की जाएगी.

4. 10000 रुपये तक की सब्सिडी वाले यंत्रों का नियम:

अगर आपके यंत्र पर 10000 रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है, तो आप खुद पोर्टल पर बुकिंग कर सकते हैं. बुकिंग की तारीख से 10 दिन के अंदर आपको उस यंत्र का खरीदी बिल (Bill) पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है. अगर आप 10 दिन में बिल अपलोड नहीं करते हैं, तो आपकी बुकिंग अपने आप कैंसिल हो जाएगी और वह सब्सिडी किसी और किसान को मिलगी.

10000 रुपये से ज्यादा सब्सिडी वाले कृषि यंत्रों की बुकिंग के लिए ये हैं नियम

यह जानकारी उन किसानों के लिए है जिन्हें 10000 रुपये से ज्यादा कीमत के बड़े कृषि यंत्रों पर सरकारी सब्सिडी (अनुदान) चाहिए.

1. एक परिवार को कितने यंत्रों पर सब्सिडी मिलेगी?

एक किसान परिवार (पति या पत्नी में से कोई एक) को एक साल में सिर्फ दो कृषि यंत्रों पर ही सब्सिडी मिलेगी. इन दो यंत्रों के अलावा ट्रैक्टर पर लगने वाले स्प्रेयर (ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर) को छोड़कर किसी और यंत्र पर सब्सिडी नहीं मिलेगी.

2. सब्सिडी कितनी मिलेगी?

आम किसान: यंत्र की कीमत का 40% से 50% तक सब्सिडी मिलेगी (यह किसान की श्रेणी पर निर्भर करेगा).

कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC):

  • 10 लाख रुपये के CHC/मिनी CHC पर 50% तक अनुदान.
  • 30 लाख रुपये के CHC (इन-सीटू योजना) पर 50% तक अनुदान.
  • हाई-टेक हब (CHC): 100 लाख रुपये की परियोजना लागत पर 40% तक अनुदान.
  • कृषि ड्रोन (Agriculture Drone): कृषि स्नातक (पढ़े-लिखे) और ग्रामीण उद्यमियों को ड्रोन की कीमत का 50% या अधिकतम ₹5 लाख (जो भी कम हो) सब्सिडी मिलेगी.

क्या हैं लॉटरी और बुकिंग के नियम?

अगर विभाग के पास तय लक्ष्य से ज्यादा आवेदन आते हैं, तो जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अगुआई में एक कमेटी ई-लॉटरी निकालेगी. इसी लॉटरी से किसानों का चयन होगा. लॉटरी में चयनित न होने वाले किसानों की एक प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) भी बनेगी. अगर लक्ष्य पूरा नहीं होता है, तो प्रतीक्षा सूची से ही अगले किसान का चयन होगा. लॉटरी की जगह, तारीख और समय की जानकारी जिले के उप कृषि निदेशक द्वारा अखबारों और अन्य माध्यमों से जरूर दी जाएगी.

बुकिंग की फीस- आवेदन के समय ही यंत्र के हिसाब से बुकिंग की फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी:

  • 10001 से 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी वाले यंत्रों पर: 2500 रुपये 
  • 1 लाख से ज्यादा की सब्सिडी वाले यंत्रों पर: 5000 रुपये 
  • पैसा वापस: अगर आपका चयन नहीं होता है, तो आपकी यह बुकिंग फीस वापस कर दी जाएगी.

क्या है यंत्र खरीदने और बिल जमा करने की समय-सीमा?

  • चयन (लॉटरी कन्फर्म) होने की तारीख से 30 दिन के अंदर यंत्र खरीदकर उसका बिल, यंत्र की फोटो और जरूरी कागजात पोर्टल पर अपलोड करने होंगे.
  • CHC/हाई-टेक हब/फार्म मशीनरी बैंक: इसके लिए आपको 45 दिन का समय मिलेगा.
  • अगर आप तय समय में बिल अपलोड नहीं करते हैं, तो आपका आवेदन अपने आप कैंसिल हो जाएगा और वेटिंग लिस्ट वाले अगले किसान को मौका मिल जाएगा.

पेमेंट करने के ये हैं नियम

  • आपको यंत्र की कुल कीमत का कम से कम 50% पैसा अपने बैंक खाते से ही फर्म को देना होगा.
  • जो किसान पढ़े-लिखे नहीं हैं और जिनके पास चेकबुक नहीं है वे अपने खून के रिश्तेदारों (माता, पिता, भाई, बहन (अविवाहित), बेटा, बेटी (अविवाहित) और पुत्र वधू) के खाते से भी 50% या उससे अधिक का भुगतान कर सकते हैं.
     

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