उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 10 सदस्यों के चुनाव का कार्यक्रम तय, पढ़ें पूरी डिटेल्स

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चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा राज्यसभा के 10 सदस्यों के द्विवार्षिक निर्वाचन के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया. इन सभी सदस्यों का कार्यकाल आगामी 2 अप्रैल, 2024 को समाप्त हो रहा है. खबर में पढ़ें पूरी डिटेल्स...

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राज्यसभा में 15 राज्यों की 56 सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव 27 फरवरी को होगा. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 56 निवर्तमान सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है. 

जिन केंद्रीय मंत्रियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल हैं. पूर्व प्रधानमंत्री सिंह राजस्थान से जबकि भाजपा प्रमुख नड्डा अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित होकर उच्च सदन के सदस्य बने थे. 

चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा राज्यसभा के 10 सदस्यों के द्विवार्षिक निर्वाचन के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया. इन सभी सदस्यों का कार्यकाल आगामी 2 अप्रैल, 2024 को समाप्त हो रहा है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि आगामी 2 अप्रैल, 2024 को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 10 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिसके लिए निर्वाचन हेतु आयोग ने कार्यक्रम निर्धारित किया है.

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निर्धारित कार्यक्रम के तहत नाम निर्देशन की अधिसूचना 8 फरवरी, 2024 दिन गुरूवार को जारी की जाएगी. निर्वाचन के लिए नाम निर्देशन की अंतिम तिथि 15 फरवरी दिन गुरूवार है. 16 फरवरी दिन शुक्रवार को नाम निर्देशनों की संवीक्षा की जाएगी और 20 फरवरी दिन मंगलवार को नाम वापसी का अंतिम दिन होगा. 27 फरवरी, 2024 दिन मंगलवार को सुबह 9 बजे से अपराह्न 4 बजे तक मतदान होगा     और उसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना होगी. 29 फरवरी, 2024 दिन गुरूवार से पहले निर्वाचन सम्पन्न करा लिया जाएगा. 

उत्तर प्रदेश से भाजपा सदस्य अनिल अग्रवाल, अशोक बाजपेयी, अनिल जैन, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हा राव, विजय पाल सिंह तोमर, सुधांशु त्रिवेदी और हरनाथ सिंह यादव तथा समाजवादी पार्टी सदस्य जया बच्चन सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले अन्य नेताओं में ओडिशा से बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य प्रशांत नंदा और अमर पटनायक, उत्तराखंड से भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी और मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और गुजरात से कांग्रेस सदस्य नारनभाई राठवा और अमी याग्निक शामिल हैं. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, एमएसएमई मंत्री नारायण राणे, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस सदस्य कुमार केतकर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्य वंदना चव्हाण और शिवसेना (यूबीटी) सदस्य अनिल देसाई महाराष्ट्र से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. 

सबसे अधिक दस सीट उत्तर प्रदेश से खाली हो रही है. इसके बाद महाराष्ट्र और बिहार से (छह-छह), मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से (पांच-पांच), कर्नाटक और गुजरात से (चार-चार), ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से तीन, राजस्थान से दो और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ से (एक-एक) सीट खाली होंगे. राज्यसभा में फिर से नामांकन के लिए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश के बाहर एक सीट तलाशनी होगी क्योंकि वहां कांग्रेस सत्ता में है. 

कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना से संसद के ऊपरी सदन में अपने उम्मीदवारों को भेजने की उम्मीद कर सकती है. इन राज्यों में वह पिछले साल सत्ता में आई थी. कर्नाटक में राज्यसभा के चार और तेलंगाना में तीन सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 27 फरवरी के चुनाव के बाद राज्यसभा में लगभग छह सीटें - महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में दो-दो - का फायदा होने की संभावना है, क्योंकि जद (यू) और अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए हैं. 

संसद के उच्च सदन में राजग के सदस्यों की संख्या 114 है, जिसमें भाजपा के 93 सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस 30 सीट के साथ दूसरे स्थान पर है. महाराष्ट्र में राकांपा और शिवसेना में फूट के कारण राज्यसभा चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी. कर्नाटक में भाजपा के राजीव चंद्रशेखर, कांग्रेस के एल हनुमनथैया, जी सी चंद्रशेखर और सैयद नासिर हुसैन का कार्यकाल पूरा हो रहा है. तेलंगाना से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के जोगिनीपल्ली संतोष कुमार, रविचंद्र वद्दीराजू और बी लिंगैया यादव सेवानिवृत्त हो रहे सदस्य हैं. तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस राज्य से राज्यसभा में अपने कम से कम दो उम्मीदवारों को भेजने की उम्मीद कर सकती है. 

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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