UP में प्रतिदिन डेढ़ लाख मरीजों के अनुभवों का दर्ज होता है रिकॉर्ड- डिप्टी सीएम पाठक
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि राज्य के चिकित्सालयों में औसतन प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज आते हैं और उनके…
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि राज्य के चिकित्सालयों में औसतन प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज आते हैं और उनके अनुभवों के साथ रिकॉर्ड तैयार किया जाता है. उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन 20 मरीजों की कुशलक्षेम भी पूछते हैं.
चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ”अभी तक उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में प्रतिदिन आने वाले मरीजों का कोई रिकॉर्ड तैयार नहीं होता था, लेकिन अब यह व्यवस्था बनाई गई है कि उपचार के लिए अस्पतालों में जो भी मरीज आएं, उनका नाम क्या है, फोन नंबर क्या है, उन्हें उपचार ठीक से मिला या नहीं और रोग से संबंधित पूरा ब्यौरा तैयार किया जाए.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने नियम बना दिया है कि अस्पतालों में रोज जितने मरीज आते हैं, उनकी ब्योरा वार सूची अद्यतन की जाए.”
पाठक ने कहा, ”राज्य के चिकित्सालयों में औसतन डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज रोज आते हैं. मैं हर जिले में हर मरीज से बात नहीं कर सकता, लेकिन किन्हीं भी दस जिलों के 20 मरीजों से प्रतिदिन बात करता हूं और उनसे हाल-चाल पूछता हूं.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मरीजों से बातचीत में, मैं दवाई के बारे में पूछता हूं, चिकित्सकों के व्यवहार के बारे में पूछता हूं और मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि लगभग सभी लोग संतुष्ट मिलते हैं. एक-दो जगह कहीं शिकायत मिलती है तो उसे दुरुस्त करने के लिए कहता हूं और उसकी जांच भी कराता हूं.” उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग संभालने के बाद से ही पाठक ने अस्पतालों का दौरा शुरू कर दिया था और कभी वह मरीज बनकर कतार में खड़े नजर आए तो कभी जमीन पर बैठकर आम मरीजों की कुशलक्षेम पूछते नजर आते हैं.
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विभागीय उपलब्धियां बताते हुए पाठक ने कहा, “पहले डायलिसिस के लिए मरीज लखनऊ आते थे क्योंकि हर जिले में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी. मुझे यह बताकर प्रसन्नता हो रही है कि 63 जिलों में डायलिसिस यूनिट लग गई है और सभी 75 जिलों में डायलिसिस यूनिट शीघ्र चालू करेंगे.” उन्होंने कहा, ”हम सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू करने जा रहे हैं. अभी 14 जिले हैं जहां मेडिकल कॉलेज नहीं बने हैं. हम पीपीपी मोड पर वहां एमओयू करने जा रहे हैं, इसके लिए निविदा निकाली गई है.”
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में प्रदेश में मात्र 13 मेडिकल कॉलेज संचालित थे और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल थी, लेकिन अब बेहतरी की दिशा में हर दिन काम हो रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 3,650 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 945 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 167 जिला अस्पताल हैं.
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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दोबारा सरकार बनने के सौ दिनों के भीतर की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर पाठक ने कहा, ”जन-जन तक मेरी आवाज पहुंची है, मैंने ढेर सारे चिकित्सालयों का खुद निरीक्षण किया, गरीबों की आवाज सुनी और मेरा मानना है कि मरीज को भगवान मानकर हम सेवा करेंगे तथा अस्पताल परिसर से कोई मरीज दुखी होकर नहीं जाएगा. उसे हम संतुष्ट करेंगे, उसका नि:शुल्क इलाज करेंगे और उसके परिजनों के लिए भी बैठने तथा पेयजल का बेहतर इंतजाम करेंगे.”
बीते दिनों उपमुख्यमंत्री द्वारा अपने विभागीय अपर मुख्य सचिव को मौजूदा सत्र के तबादलों में तबादला नीति का पालन न किए जाने पर लिखे गए पत्र से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, ”देखिए, हम कानून का पालन कराने के लिए हैं और कहीं भी कानून का उल्लंघन नहीं होने देंगे.” उन्होंने कहा, ”वह पत्र नहीं था, बल्कि हमारी आधिकारिक टिप्पणी थी.”
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उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री ने मौजूदा सत्र में स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर सवाल उठाते हुए चार जुलाई को अपर मुख्य सचिव (एसीएस) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र लिखकर कहा था कि ”वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गए हैं उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णत: पालन नहीं किया गया है.” पाठक का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें उन्होंने एसीएस को कारण स्पष्ट करते हुए संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के तबादलों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”विभागों में अगर कहीं भी गड़बड़ी है तो उसे दुरुस्त किया जाएगाा. शासन -प्रशासन त्रुटि करता रहता है और हमारा दायित्व है कि हम उसे दुरुस्त करें.” गौरतलब है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर सवालिया निशान लगाते हुए सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के संगठन प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उप्र (पीएमएसए) ने पांच जुलाई को कहा था कि तबादला सूची में दो ऐसे डॉक्टरों का भी तबादला कर दिया गया जिनका पूर्व में निधन हो चुका है। संघ का प्रतिनिधिमंडल भी पाठक से मिला था.
इस सिलसिले में पूछे जाने पर पाठक ने कहा कि सभी गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जा रहा है. पाठक ने कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं और अधिकारियों की मनमानी का जिक्र करते हुए पिछली सरकार में कानून मंत्री रहते हुए अप्रैल 2021 में भी एक पत्र लिखा था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनने के बाद पाठक को पदोन्नति देते हुए उपमुख्यमंत्री बनाया गया और उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई.
भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा, ”चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को मजबूत करेंगे और मरीज को भगवान मानकर सेवा करेंगे. पहले तो यह कोशिश करेंगे कि रोग हो न और इसके लिए लोग अपनी दिनचर्या में सुधार करें.” पाठक ने कहा, “लोगों से अपील करते हैं कि प्रात: उठकर योग, व्यायाम करें और संयमित रहें. इसके बाद भी अगर कोई बीमार होगा तो उसका बेहतर इलाज करेंगे। इसके लिए कृतसंकल्पित हैं.”
(आनन्द राय.भाषा)
स्वास्थ्य विभाग के तबादलों पर CM योगी ने दिए जांच के आदेश, ब्रजेश पाठक ने उठाए थे सवाल
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