प्रयागराज महाकुंभ में वायरल हो गईं हर्षा और मोनालिसा तो पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ये किसकी क्लास लगा दी?

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आस्था और सनातन संस्कृति का प्रतीक माना जाने वाला प्रयागराज महाकुंभ इन दिनों चर्चा में है. चर्चा का केंद्र धार्मिक मुद्दे और कहानियों तो हैं ही, इनके अलावा वायरल वीडियो और सोशल मीडिया ट्रेंड्स भी चर्चा का विषय बन गए हैं.

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तस्वीर: बाबा बागेश्वर के सोशल मीडिया X से .
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Maha Kumbh news: आस्था और सनातन संस्कृति का प्रतीक माना जाने वाला प्रयागराज महाकुंभ इन दिनों चर्चा में है. चर्चा का केंद्र धार्मिक मुद्दे और कहानियों तो हैं ही, इनके अलावा वायरल वीडियो और सोशल मीडिया ट्रेंड्स भी चर्चा का विषय बन गए हैं. खासकर महाकुंभ में इंदौर की मोनालिसा और एंकर-मॉडल हर्षा रिछारिया के चर्चे हैं, जिन्हें सबसे सुंदर साध्वी तक कहा गया. इन दोनों युवतियों के वीडियो और तस्वीरें वायरल हैं. अब बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

'महाकुंभ आस्था का विषय है, वायरल का नहीं'

मध्य प्रदेश के छतरपुर में पत्रकारों से बात करते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "महाकुंभ का मकसद आस्था और संस्कृति को जीवित रखना है, न कि इसे सोशल मीडिया पर वायरल का विषय बनाना. कुंभ रील्स और वायरल कंटेंट का स्थान नहीं है. हमें अपनी सनातन संस्कृति और इसकी गहराई को समझने की जरूरत है."  उन्होंने आगे कहा, "महाकुंभ का उद्देश्य यह होना चाहिए कि सनातन धर्म कैसे मजबूत बने, हिंदू राष्ट्र की स्थापना कैसे हो, और जो सनातन से दूर हो गए हैं, उनकी घर वापसी कैसे कराई जाए."

कौन हैं मोनालिसा और हर्षा, जो हो रहीं वायरल?

इंदौर की मोनालिसा महाकुंभ में माला बेचने के लिए आई हैं. मोनालिसा अपनी खूबसूरत आंखों और साधारण व्यक्तित्व के चलते सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. वहीं, साध्वी हर्षा रिछारिया एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं. ये अपने धार्मिक प्रवचनों और रील्स के कारण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनीं. इन्हें महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी भी कहा गया. इन दोनों के वीडियो इंटरनेट पर छाए हुए हैं.

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इसके अलावा, IIT बॉम्बे के बैकग्राउंड से आने वाले एक बाबा अभय सिंह भी अपनी अनोखी जीवनशैली और धार्मिक दृष्टिकोण के चलते सुर्खियों में हैं. इन वायरल घटनाओं ने महाकुंभ की पवित्रता और मूल उद्देश्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

'रील्स नहीं, रियलिटी पर हो चर्चा': धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा, "महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन में ऐसी चीजों को बढ़ावा देना उचित नहीं है. कुंभ को रील्स और वायरल वीडियो का केंद्र बनाना इसके वास्तविक मकसद से भटकना है. यहां सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को सुदृढ़ बनाने के लिए चर्चा होनी चाहिए, न कि इन गैर-मुद्दों पर." 

आपको बता दें कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और इसे हिंदू धर्म का सबसे पवित्र आयोजन माना जाता है. यहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना करते हैं. साथ ही, यह आयोजन सनातन संस्कृति, धर्म और आस्था को संजीवनी देने का माध्यम है.
 

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