'अब हम जयंत समर्थित BJP को वोट नहीं देंगे', पंचायत में जाट किसानों का बड़ा फैसला

शरद मलिक

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Shamli Jat farmer
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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले रालोद का एनडीए में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है. अब बस आधिकारिक घोषणा का इंतजार है. माना जा रहा है कि भाजपा और आरएलडी में डील लगभग फाइनल हो गई है और कभी भी गठबंधन की घोषणा हो सकती है. इस बीच शामली के गांव एल्म में हुई पांच गांव के जाटों की पंचायत में जयंत चौधरी के खिलाफ बड़ा फैसला लिया गया. पंचायत में जाटों ने कहा कि अब हम जयंत समर्थित बीजेपी को वोट नहीं देंगे. 

पंचायत में आए किसानों ने कहा कि जयंत चौधरी बीजेपी की गोद में जाकर बैठ गए. क्या उन्होंने कोई किसानों की समस्या का समाधान किया है. उन्होंने (बीजेपी सरकार) हमारी बहन बेटियों को जंतर-मंतर पर सड़क पर घसीटा. 750 किसान दिल्ली बॉर्डर पर शहीद हो गए. 5 वर्ष हो गए युवाओं की कोई भी आर्मी में भर्ती नहीं निकली. बच्चे बेरोजगार हो गए. अब हम बीजेपी और उनके गठबंधन को वोट नहीं देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.

यूपीतक से बातचीत में किसान सुभाष पवार ने बताया कि जयंत चौधरी हमें छोड़कर भाग गए हैंब, क्या हम कुएं में गिरे? बताइए हम क्या करें, हमारे पास अब कोई चारा ही नहीं बचा. अब हमें कोई और दूसरी पार्टी देखनी पड़ेगी. 

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उन्होंने आगे बताया कि जाट अब चक्कर में नहीं आने वाले हैं. चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न पहले ही मिल जाना चाहिए था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के ठीक पहले भारत रत्न देकर जाट वोटर को लुभाने का प्रयास किया है. हम नहीं भूल सकते किस तरह इन्होंने बेटियों को घसीटा है, जयंत चौधरी पर लाठियां भांजी है. हम किसी भी कीमत पर भाजपा को वोट नहीं करेंगे. महंगाई-बेरोजगारी चरम पर है, फौजी की नौकरी भी 4 साल की कर दी है. इनका मकसद है किसानों को और जाटों को ठिकाने लगाना. कैराना लोकसभा क्षेत्र से अगर सपा से जाट नेता को टिकट मिलता है तो हम वोट करेंगे, वरना हम किसी को वोट नहीं करेंगे. किसान सुभाष ने कहा कि बीजेपी की निगाह हमारी जमीन पर जो उसे हजम करना चाहती है. हम किस किसी भी कीमत पर बीजेपी को वोट नहीं देंगे.

किसान मांगेराम ने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व विहीन हो चुकी है, लेकिन अब हम अपना नया नेतृत्व चुनने के लिए तैयार है और जाट अब जाट प्रत्याशी को ही वोट देगा. आरएलडी सुप्रीमो ने बीजेपी से गठबंधन करने से पहले किसी किस से कोई सलाह मशवरा नहीं की. बीजेपी में जाने का उनका स्वयं का निर्णय है और वह निर्णय लेने में सक्षम है. इस तरह हम भी स्वयं निर्णय लेने में सक्षम है.

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किसान पले राम ने कहा कि अगर आरएलडी का सिंबल आया तो हम आरएलडी को वोट करेंगे और अगर सिंबल कमल का फूल आया तो हम वोट नहीं करेंगे. 

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