मुंह दिखाई में मिले रुपये से हत्यारिन दुल्हन प्रगति यादव ने पति दिलीप को मरवा दिया! मर्डर की पूरी कहानी पता चली

यूपी तक

UP News: औरैया की प्रगति यादव की शादी 5 मार्च के दिन काफी धूमधाम से दिलीप यादव के साथ हुई थी. शादी के बाद दिलीप काफी खुश था. शादी के 14 दिनों के अंदर ही प्रगति ने अपने पति के मर्डर की स्क्रिप्ट लिख डाली. अब इस सनसनीखेज हत्याकांड की पूरी कहानी जान लीजिए.

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UP News: मेरठ की मुस्कान रस्तोगी ने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ राजपूत के साथ जो किया, कुछ वैसा ही औरैया की प्रगति यादव ने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर अपने पति दिलीप के साथ कर डाला. औरैया की प्रगति यादव का कांड तो और भी हिला देने वाला है. दरअसल मुस्कान और सौरभ की शादी को तो काफी साल हो गए थे और दोनों की बच्ची भी थी. मगर प्रगति यादव की शादी तो इसी साल यानी 5 मार्च 2025 में ही हुई थी. शादी के 14 दिन बाद ही प्रगति ने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर पति के मर्डर की साजिश रच डाली.

बता दें कि ये हत्याकांड चर्चाओं में बना हुआ है. अब इस मर्डर केस की पूरी कहानी हम आपको बताते हैं. 

औरैया में पत्नी ने लिखी पति के मर्डर की खौफनाक कहानी

तारीख- 5 मार्च…

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औरैया में 5 मार्च के दिन दिलीप यादव और प्रगति यादव की शादी हुई. शादी खूब धूमधाम से हुई. दिलीप के परिवार ने नई बहू का घर में स्वागत किया. दिलीप का अच्छा कारोबार था. ऐसे में शादी में कई कार्ड बांटे गए और क्षेत्र के कई लोग इस शादी का गवाह बने. प्रगति यादव औरैया के फफूंद की रहने वाली थी. 

तारीख-19 मार्च

शादी के कुछ दिनों तक सब सही रहा. बताया जा रहा है कि दिलीप भी शादी से खुश था. 19 मार्च के दिन दिलीप के परिवार में हड़कंप मच गया. दरअसल दिलीप बिजनेस के सिलसिले में कही गया हुआ था. सहार थाना क्षेत्र के पलिया गांव के करीब एक खेत में दिलीप घायल अवस्था में ग्रामीणों को मिला. मामले की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने दिलीप को अस्पताल में भर्ती करवा दिया. ये खबर परिवार में पहुंची तो परिवार में हड़कंप मच गया.

दिलीप 3 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ता रहा. आखिर में आकर वह ये जंग हार गया और उसकी मौत हो गई. पहले पुलिस इसे हादसा मानकर चल रही थी. मगर डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि युवक को गोली मारी गई है. इसके बाद से पुलिस हत्या के एंगल से मामले की जांच में जुट गई. युवक की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया. 

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए एसओजी टीम को एक्टिव किया. सर्विलांस टीम को भी लगाया गया. सीसीटीवी वीडियो खंगाले गए. इसी दौरान पुलिस ने देखा कि एक शख्स दिलीप को बाइक पर बैठाकर ले जा रहा है. यहां पुलिस को इस मामले में एक अहम सुराग मिला. 

फिर सामने आई पूरी कहानी

पुलिस ने बाइक सवार आरोपी को पकड़ा. उसकी पहचान रामजी नागर के तौर पर हुई. पुलिस ने उसी जगह से अनुराग यादव को भी पकड़ लिया. दोनों की तलाशी ली गई तो पुलिस को तमंचा मिल गया. तमंचा मिलने के बाद पुलिस का शक इन दोनों पर और गहरा हो गया. पुलिस ने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी और दोनों का बैकग्राउंड खंगालने लगी.

जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि अनुराग यादव और मृतक की पत्नी प्रगति यादव एक ही गांव के रहने वाले हैं. दोनों के घर भी आस-पास ही हैं. यहां से मृतक दिलीप की पत्नी प्रगति यादव भी शक के घेरे में आ गई. पुलिस ने फौरन प्रगति को हिरासत में ले लिया और वह अनुराग, रामजी नागर और प्रगति यादव से सख्त पूछताछ करने लगी.

प्रगति ने उगल दी सच्चाई

सख्त पूछताछ के दौरान प्रगति यादव ने सारा सच पुलिस को बता दिया. दरअसल प्रगति और अनुराग यादव, दोनों के बीच कई सालों से प्रेम संबंध थे. दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे और घर भी दोनों के आस-पास थे. दोनों शादी करना चाहते थे. मगर दोनों का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था. प्रगति अनुराग के प्यार में पागल थी. वह शादी करने के बाद भी अनुराग को नहीं भूल पाई थी. शादी के बाद प्रगति ने ही अनुराग के साथ मिलकर पति दिलीप की हत्या की स्क्रिप्ट लिखी थी. 

प्रगति ने अनुराग को बताया कि उसका पति दिलीप काफी पैसे वाला है. एक बार उसे रास्ते से हटा दिया तो वह दोनों आगे की जिंदगी बड़े आराम से काट लेंगे. अनुराग ने 2 लाख रुपये में रामजी नागर के साथ दिलीप की हत्या का सौंदा किया. पति की हत्या के लिए 1 लाख रुपये प्रगति ने खुद अनुराग को दिए. ये रुपये वह थे, जो प्रगति को मुंह दिखाई में मिले थे. 1 लाख रुपये का इंतजाम अनुराग ने किया और 2 लाख रुपये रामजी नागर को दे दिए गए.

योजना कामयाब हुई

19 मार्च के दिन दिलीप बिजनेस के काम से कन्नौज गया था. वह वहां से वापस लौट रहा था. योजना के तहत आरोपियों ने दिलीप को एक होटल के पास रोका. उससे बोला गया कि उनकी गाड़ी फंस गई है और उन्हें मदद चाहिए. दिलीप उनकी मदद करने के लिए बाइक पर बैठ गया. जैसे ही सुनसान जगह आई, आरोपियों ने दिलीप को गोली मार दी और उसे खेत में फेंक दिया. 3 दिन तक दिलीप का इलाज चला और 21 मार्च की देर रात उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. जिस बहू प्रगति यादव को दिलीप के परिवार वाले खुशियों के साथ और खुशियों के लिए घर लेकर आए, उसी बहू प्रगति यादव ने उन्हें जिंदगी भर का दुख दे डाला.

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