मां-बेटी ने मैनपुरी जिलाधिकारी से की बहस तो दोनों को जेल भेजा गया? DM ने पूरा मामला बताया

पुष्पेंद्र सिंह

UP News: मां-बेटी तहसील सभागार में मैनपुरी जिलाधिकारी के सामने शिकायत करने लगीं. इस दौरान दोनों डीएम से बहस भी करने लगी. फिर डीएम ने दोनों को थाने भेज दिया. अब ये पूरा मामला काफी चर्चाओं में आया हुआ है. अब खुद डीएम ने पूरी बात बताई है.

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UP News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में तहसील सभागार में जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह, एसपी विनोद कुमार सिंह जनशिकायत सुन रहे थे. तभी वहां मां-बेटी भी आ गईं. उन्होंने डीएम समेत सभी अधिकारियों के सामने अपनी समस्या रखी और इंसाफ की मांग की. मगर इस दौरान दोनों की डीएम से बहस हो गई. दोनों मां-बेटी हंगामा करने लगीं. 

ये देख डीएम ने दोनों को संमझाने की कोशिश की और कहा कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा. मगर दोनों मां-बेटी हंगामा करने लगीं और आत्मदाह की भी धमकी देने लगी. ये देख डीएम ने फौरन दोनों को पुलिस के सुपर्द करने का आदेश दिया. इसके बाद से ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

ये है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, थाना किसनी के ग्राम बहरामऊ की रहने वाली राधा देवी अपनी बेटी को लेकर डीएम के पास पहुंचीं. उस समय डीएम तहसील सभागार में जनसमस्याओं को सुन रहे थे. राधा देवी और उनकी बेटी का कहना था कि मेढबंदी होने के बाद भी दबंग उनकी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं. उनका कहना था कि दबंगों ने राजस्व निरीक्षक के लगाए निशानों को मिटाकर फिर से उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया. 

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डीएम मैनपुरी ने दोनों मां-बेटी की 5 मिनट तक शिकायत सुनी और उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में कार्रवाई की जाएगी. मगर परेशान मां-बेटी डीएम से बहस करने लगीं. इसी बीच मां-बेटी ने डीएम से बहस कर सुसाइड करने की धमकी भी दे डाली.

फिर डीएम ने उठाया ये कदम

डीएम अंजनी कुमार सिंह के कई बार समझाने के बाद भी न मानने पर  डीएम ने एतिहात के तौर पर दोनों मां-बेटी को पुलिस के सुपुर्दग कर दिया, जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना हो. डीएम के आदेश पर पुलिस दोनों महिलाओं को थाने लेकर आ गई और शांति भंग के आरोप में दोनों का चालान कर दिया. 

डीएम ने ये कहा

इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया, मैंने किसी को जेल भेजने की बात नहीं कही है. इन मां-बेटी का कुछ जमीन को लेकर विवाद था. मैंने पूरा सुना और इनको आश्वासन भी दिया कि इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ये दोनों कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं. इनके द्वारा बार-बार आत्महत्या की धमकी दी जा रही थी. ऐसे में सतर्कता के तौर इन दोनों को थाना भिजवा दिया. जब दोनों शांत हो गए तो घर भेज दिया गया. 

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