कोर्ट में हुई थी पिता की हत्या, अब बेटी आयुषी ने रचा इतिहास, UPPSC पास कर बनीं DSP
Moradabad News: अगर इंसान कुछ ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता. वह बड़ी से बड़ी मुश्किलों, परेशानियों का सामना करके भी सफलता…
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Moradabad News: अगर इंसान कुछ ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता. वह बड़ी से बड़ी मुश्किलों, परेशानियों का सामना करके भी सफलता प्राप्त कर सकता है. ये बात आपने पहले भी कई बार सुनी होगी. मुरादाबाद की रहने वाली आयुषी सिंह ने इस बात को सच कर दिखाया है. बता दें कि यूपीपीएससी 2022 में आयुषी सिंह ने 62वीं रैंक प्राप्त की है. उनका चयन डीएसपी के पद के लिए हुआ है. आयुषी सिंह के पिता का नाम योगेंद्र सिंह है. योगेंद्र सिंह की साल 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था.
पिता का रहा अपराध और राजनीति से संबंध
आयुषी के पिता योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा क्षेत्र का जाना-पहचाना नाम थे. वह मुरादाबाद के डिलारी के ब्लॉक प्रमुख थे. योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा पर हत्या समेत कई गंभीर केस दर्ज थे. वह शूटर रिंकू मर्डर केस में मुरादाबाद जेल में बंद थे. साल 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप रिंकू के भाई सुमित पर लगा था.
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पिता के सपनों को किया पूरा
बता दें कि योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा चाहते थे कि उनकी बेटी पुलिस अधिकारी बने. वह खुद तो सियासत और अपराध की दुनिया में शामिल थे. मगर उन्होंने अपने परिवार को कभी इसमें शामिल नहीं किया. उनकी चाहत थी कि बेटी पढ़ लिख कर बड़ी अधिकारी बने. मगर अपना सपना सच होते वह अपनी आंखों से नहीं देख पाए. अब बेटी आयुषी ने अपने पिता का सपना पूरा कर दिखाया है.
‘पिता की हत्या से ठान लिया कि अधिकारी बनना है’
आयुषी सिंह का कहना है कि जब पिता की हत्या हुई तो वह 11वीं कक्षा में पढ़ती थी. पिता की मौत के बाद उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें अधिकारी ही बनना है. बता दें कि आयुषी ने दूसरे प्रयास में यूपीपीएससी निकाला है. आयुषी का लक्ष्य अभी भी डीसीपी नहीं बल्कि आईपीएस बनना है. फिलहाल आयुषी के परिवार में उनकी मां और उनका एक भाई है.
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‘पापा की मौत पुलिस प्रशासन का बड़ा फेलियर’
आयुषी सिंह के मन में पिता की हत्या का दर्द आज भी बना हुआ है. उनका कहना है कि पूरे पुलिस प्रशासन के सामने पापा की हत्या कर दी गई. मैं इसे पुलिस प्रशासन का बहुत बड़ा फेलियर देखती हूं. आयुषी का कहना है कि आगे से ऐसी घटनाएं किसी के साथ न हो, इसलिए मैं पुलिस प्रशासन में जाकर अपना योगदान देना चाहती हूं.
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आयुषी की इस सफलता ने जहां मुरादाबाद का नाम रौशन किया है तो वहीं अपने परिवार की पहचान भी बदल डाली है. पहले परिवार की पहचान योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा के परिवार से होती थी. मगर अब यह पहचान आयुषी सिंह के परिवार से होगी. आयुषी की सफलता परिवार में खुशी है और परिवार को बेटी पर गर्व है.
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