मिल्कीपुर उपचुनाव: अखिलेश ने जिस SSP की तस्वीर शेयर कर लगाए आरोप वो IPS राज करण नय्यर सामने आकर ये सब बताने लगे
Milkipur by election: मिल्कीपुर में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान जबर्दस्त माहौल देखने को मिल रहा है. समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच काफी रस्साकस्सी देखने को मिल रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अयोध्या के प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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Milkipur by election Updates: मिल्कीपुर में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान जबर्दस्त माहौल देखने को मिल रहा है. समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच काफी रस्साकस्सी देखने को मिल रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी (samajwadi party) और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अयोध्या के प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में अखिलेश ने अयोध्या के SSP राज करण नय्यर को लेकर गंभीर आरोप लगा दिए हैं. अब इस मामले में अखिलेश और अयोध्या जिले का पुलिस प्रशासन आमने-सामने आ गया है.
आइए आपको सबसे पहले बताते हैं कि अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा जिसपर IPS राज करण नय्यर को ही सामने आकर सफाई देनी पड़ गई. पहले यहां नीचे आप अखिलेश यादव का वो एक्स पोस्ट देखिए.
अखिलेश यादव ने इस पोस्ट में लिखा, 'चुनाव आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं. ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है. ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए.'
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SSP राज करण नय्यार ने खुद पर लगे आरोपों पर क्या कहा?
अखिलेश यादव ने ज्यों ही जिले के आला पुलिस अफसर पर आरोप लगाए अयोध्या पुलिस सफाई मोड में आ गई. अयोध्या पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर IPS राज करण नय्यर का बयान जारी किया. IPS ने कहा, 'पुलिस के द्वारा किसी बूथ पर किसी मतदाता का आईकार्ड चेक नहीं किया जा रहा है. एक फोटो मेरे संज्ञान में आई है. इसमें कहा जा रहा है कि मतदाता का आई कार्ड चेक किया जा रहा है. ये बिल्कुल गलत तथ्य है.'
SSP राज करण अय्यर ने आगे कहा, 'तस्वीर में दिख रहा शख्स एक प्रत्याशी का बूथ एजेंट है. शिकायत मिल गई है कि किसी एक राजनीतिक दल के बूथ एजेंटों को समस्या हो रही है. ऐसे में उन बूथ पर जाकर शिकायतों की जांच की जा रही. वहां बूथ एजेंट का पहचान पत्र देखकर चेक किया जा रहा है कि उन्हें कोई समस्या तो नहीं है.'