उम्रकैद की सजा सुनते ही ऐसा हो गया मुख्तार अंसारी का हाल, 36 साल पुराने मामले में हुई है सजा

रोशन जायसवाल

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) को आज आर्म्स एक्ट (Arms Act) के मामले में कोर्ट ने सजा सुना दी है. एमपी-एमएलए कोर्ट के जज अवनीश गौतम ने मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि कोर्ट में मुख्तार की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई.  वहीं सजा सुनाए जाने के बाद माफिया काफी मायूस नजर आया.

सजा सुनने के बाद ऐसा था माफिया का हाल

बता दें कि  वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट बुधवार को दोपहर 3 बजे सजा का एलान किया. माफिया पर आरोप था कि मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था. सजा सुनाए जाने के बाद आज मुख्तार अंसारी काफी मायूस भी नजर आया.

36 साल पुराना है केस

बता दें कि मुख्तार अंसारी को अब कुल 7 मामलो में सजा सुनाई जा चुकी है. नंद किशोर रूघता हत्याकांड के बाद आर्म्स एक्ट के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि जून 1987 में गाजीपुर में दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस जारी हुआ था. यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था.  पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में तत्कालीन आयुध क्लर्क (असलहा बाबू) गौरी शंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी को दोषी बनाया था. 

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हाईकोर्ट में दी जाएगी चुनौती

जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध वर्ष 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया. मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध वाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया गया. वहीं  इस मामले में वाराणसी के एडीसी क्रिमिनल विनय सिंह और सीबीसीआईडी के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला ने मुख्तार को मिली इस सजा को कानून की बड़ी जीत बताया. उन्होंने बताया कि, 'इस केस में पंजाब तक पहुंचने में पुलिस प्रशासन और शासन का पूरा सहयोग मिला. केस से संबंधित आरोपी को अधिकतम सजा सुना दी गई है.' वहीं मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि इस फैसले को वह हाई कोर्ट में चुनौती देंगे.

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