मां-बेटी को थाने में भिजवा कर चर्चा में आए मैनपुरी के DM अंजनी कुमार सिंह की कहानी जान लीजिए
UP News: मैनपुरी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह काफी चर्चाओं में हैं. जानिए उनकी कहानी.
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UP News: मैनपुरी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह काफी चर्चाओं में हैं. दरअसल फरियाद लेकर एक मां-बेटी मैनपुरी डीएम अंजनी कुमार के पास पहुंचे. इस दौरान वहां कुछ ऐसा हो गया, जो चर्चाओं में आ गया. दरअसल मां-बेटी की डीएम के साथ बहस हो गई, जिसके बाद डीएम अंजनी कुमार सिंह ने दोनों को थाने भिजवा दिया और दोनों का चालान भी कट गया.
अब इस पूरे मामले पर मैनपुरी डीएम का बयान सामने आ गया है. लेकिन उससे पहले हम आपको मैनपुरी डीएम आईएएस अधिकारी अंजनी कुमार के बारे में जानकारी देते हैं.
कौन हैं IAS अधिकारी अंजनी कुमार सिंह?
अंजनी कुमार साल 2014 बैच के अधिकारी हैं. इससे पहले वह गोरखपुर के नगर आयुक्त, बस्ती और बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी भी रह चुके हैं. इसी के साथ उन्होंने लखनऊ के अपर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी भी निभाई है.
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अंजनी कुमार को एक तेज तर्रार आईएएस अधिकारी माना जाता है. वह विकास कार्यों और सख्त फैसलों की वजह से चर्चाओं में रहते हैं. अब हम आपको बताते हैं कि उनसे जुड़ा पूरा विवाद क्या है?
क्या है पूरा मामला?
मैनपुरी के थाना किसनी के ग्राम बहरामऊ की रहने वाली राधा देवी अपनी बेटी को लेकर डीएम के पास पहुंचीं. उस समय डीएम तहसील सभागार में जनसमस्याओं को सुन रहे थे. राधा देवी और उनकी बेटी का कहना था कि मेढबंदी होने के बाद भी दबंग उनकी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं. उनका कहना था कि दबंगों ने राजस्व निरीक्षक के लगाए निशानों को मिटाकर फिर से उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया.
डीएम मैनपुरी ने दोनों मां-बेटी की 5 मिनट तक शिकायत सुनी और उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में कार्रवाई की जाएगी. मगर परेशान मां-बेटी डीएम से बहस करने लगीं. इसी बीच मां-बेटी ने डीएम से बहस कर सुसाइड करने की धमकी भी दे डाली.
डीएम ने दिया ये आदेश
डीएम अंजनी कुमार सिंह के कई बार समझाने के बाद भी न मानने पर डीएम ने एतिहात के तौर पर दोनों मां-बेटी को पुलिस के सुपुर्दग कर दिया, जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना हो. डीएम के आदेश पर पुलिस दोनों महिलाओं को थाने लेकर आ गई और शांति भंग के आरोप में दोनों का चालान कर दिया.
डीएम ने ये कहा
इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया, मैंने किसी को जेल भेजने की बात नहीं कही है. इन मां-बेटी का कुछ जमीन को लेकर विवाद था. मैंने पूरा सुना और इनको आश्वासन भी दिया कि इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ये दोनों कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं. इनके द्वारा बार-बार आत्महत्या की धमकी दी जा रही थी. ऐसे में सतर्कता के तौर इन दोनों को थाना भिजवा दिया. जब दोनों शांत हो गए तो घर भेज दिया गया.