मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना... दहेज केस में फंसकर जान देने वाले अतुल की रुला देने वाली दास्तां

यूपी तक

अतुल सुभाष वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, ससुराल वालों और जौनपुर की एक कोर्ट की जज रीता कौशिक के ऊपर संगीन आरोप लगाते हुए बेंगलुरु स्थित अपने घर में जान दे दी. जानें पूरी कहानी.

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Atul Subhash News
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Atul Subhash News: अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले ने सोशल मीडिया पर इस बहस को जन्म दे दिया है कि पुरुषों के अधिकार की बात कब होगी? बता दें कि अतुल सुभाष वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, ससुराल वालों और जौनपुर की एक कोर्ट की जज रीता कौशिक के ऊपर संगीन आरोप लगाते हुए बेंगलुरु स्थित अपने घर में जान दे दी. अतुल ने जीवन खत्म करने से पहले 23 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा और डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया. वीडियो और सुसाइड नोट में अतुल ने विस्तार से बताया है कि उनका जीवन कितने कष्टों से जूझ रहा था और कैसे-कैसे उन्हें उनके अपनों ने ही परेशान किया. वहीं, आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने अपनी अस्थियों को कोर्ट के सामने गटर में बहा देने की भी बात कही. खबर में आगे पूरा मामले के साथ ये भी जानिए कि सुभाष ने अस्थियों ने गटर में बहाने की बात क्यों कही?

क्या है मामला?

सामने आई जानकारी के अनुसार, अतुल की शादी यूपी के जौनपुर की रहने वाली निकिता सिंघानिया से हुई थी. शादी के बाद दोनों के बीच खटपट हुई और निकिता वापस अपने घर जौनपुर आ गई. जौनपुर वापस आने के बाद निकिता ने पति और ससुरालवालों पर दहेज़ उत्पीड़न और घरेलु हिंसा का केस दर्ज कराया. अतुल ने आरोप लगाया कि पैसे ऐंठने के लिए उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने साजिश रची और उनके परिवारवालों को झूठे केस में फंसाया दिया.

अतुल ने लगाया जौनपुर की जज पर संगीन आरोप

 

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अतुल ने आरोप लगाया कि जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज की कोर्ट में तारीख के लिए पेशकार को घूस देनी पड़ती है.  अतुल का कहना था कि कोर्ट ने उन पर 3 करोड़ रुपये मेंटिनेंस देने का दबाव डाला. साथ ही, दिसंबर 2024 तक केस सेटल करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की गई. अतुल ने बताया कि जब उन्होंने जज से कहा कि उनकी पत्नी उन्हें आत्महत्या के लिए उकसा रही है, तो जज ने मजाक में हंस दे थीं.  इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि 2022 में पेशकार के माध्यम से उनसे पहले भी 3 लाख रुपये की मांग की गई थी. अतुल ने दावा किया कि जब उन्होंने घूस देने से इनकार कर दिया, तो कोर्ट ने उनके खिलाफ एलिमनी और मेंटिनेंस का आदेश जारी कर दिया, जिसमें उन्हें हर महीने 80 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया गया. 

 

 

मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना: अतुल

अतुल ने अपने भाई को हिदायत दी है कि वह बिना किसी कैमरे के उनकी पत्नी और उनके ससुरालवालों से नहीं मिले. उन्होंने कहा, "मेरा अस्थि विसर्जन तभी करें जब तक परेशान करने वालों सजा नहीं मिलती. अगर न्याय नहीं मिलता है तो मेरी मौत के बाद मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना."
 

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