यूपी में होटल बनाना होगा आसान, पर्यटकों-यात्रियों के लिए अब बढ़ेंगे 2.1 लाख कमरे
उत्तर प्रदेश में बढ़ती पर्यटकों की आमद को देखते हुए अब होटल व्यवसाय में नए नियम देखने को मिलेंगे. अब यूपी में होटल बनाना आसान होगा.
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश में बढ़ती पर्यटकों की आमद को देखते हुए अब होटल व्यवसाय में नए नियम देखने को मिलेंगे. अब यूपी में होटल बनाना आसान होगा. योगी सरकार ने होटल निर्माण के लिए ज़मीन का उपयोग आसान करने के लिए नियमों में बदलाव कर दिए हैं, जिससे छोटे जिलों में और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी होटल और लॉज की संख्या बढ़ेगी और पर्यटकों को आरामदेह यात्रा की सुविधा मिलेगी. अब होटल निर्माण के कई नियमों को बदलते हुए नए नियम जारी कर दिए गए हैं.
काशी कॉरिडोर बनने और राम मंदिर लोकार्पण के बाद यूपी में बढ़ा है पर्यटन:
राम नगरी अयोध्या में प्रभु श्रीराम का दर्शन करना हो, बिठूर में ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण या फिर झांसी के किले और महत्वपूर्ण स्थलों में घूमना, अब यूपी सरकार ऐसे स्थानों पर ठहरने के लिए ज्यादा सुविधाएं देने जा रही है. पिछले कुछ समय से पर्यटकों की संख्या में कई गुना इजाफे को देखते हुए उनके ठहरने के लिए अब होटल व्यवसाय का विस्तार करने की पहल की गई है. इसके लिए यूपी में 'होटल निर्माण की पॉलिसी' में कई अहम बदलाव किए गए हैं. होटल निर्माण को आसान करते हुए लैंड यूज (land use) में बदलाव किया गया है. इसके बाद पर्यटकों के लिए हर जिले में बजट होटलों की संख्या बढ़ जाएगी. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा.
नए नियमों के बाद यूपी के पर्यटकों-दर्शनार्थियों के ठहरने के लिए 2.1 लाख कमरे बढ़ जाएंगे:
यूपी में पिछले कुछ समय से पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है. राम मंदिर लोकार्पण के बाद जहां अयोध्या में रोजाना करीब 1 लाख तक दर्शनार्थी पहुंचे. वहीं, काशी कॉरिडोर बनने के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों और पर्यटकों के पहुंचने के नए कीर्तिमान बने हैं. पिछले कुछ समय से धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थलों में दर्शनार्थियों और पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है. 2017 से अब तक यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या में 16 गुना वृद्धि हुई है. 2017 में जहां यूपी के 3 करोड़ पर्यटक आए थे वहीं 2023 में 48 करोड़ पर्यटक आए. इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों को देखते हुए होटल और ठहरने की व्यवस्था करने के लिए होटल निर्माण के नियमों में बदलाव किया गया हुआ. नए नियमों के बाद होटल व्यवसाय में निवेश बहुत ज्यादा बढ़ेगा. नए नियमों के लागू होने के बाद पर्यटकों के लिए 2.1 लाख नए कमरे उपलब्ध होंगे जबकि होटलों की संख्या बढ़ने के बावजूद 1.5 लाख स्क्वेर मीटर तक जमीन कम इस्तेमाल होगी.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
यूपी में हुए ग्लोबल इंवेस्टर समिट में पर्यटन और होटल व्यवसाय के क्षेत्र में बहुत ज़्यादा निवेश प्रस्ताव आए थे. यूपी के पर्यटन मंत्री ने कहा कि होटल के नियमों में बदलाव निवेश के लिए गेम चेंजर साबित होंगे. होटल निर्माण के नियमों में बदलाव के बाद अब उन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने का रास्ता साफ हो गया. भवन( होटल) निर्माण सम्बन्धी पुराने नियम 2008 में बने थे. लम्बे समय से बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी.
हाल ही में कई रिपोर्ट्स भी आयी हैं जिससे यूपी में आने वाले समय में बहुत ज्यादा देशी विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है. कई धार्मिक टुरिस्ट सर्किट (religious tourist circuit) का भी विकास किया जा रहा है. यूपी के मुख्यमंत्री की पहल पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को इन स्थलों पर कई सुविधाएं भी दो जा रही हैं. अब होटल निर्माण के नियम आसान होने से भी लाभ होने की उम्मीद है. पर्यटन महानिदेशक मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया 'पुराने नियमों में बदलाव किया गया है जो निवेश की राह में लम्बे समय तक रुकावट बने रहे. इससे न सिर्फ जमीन की उपयोगिता बढ़ेगी बल्कि ये निवेशकों के लिए भी एक संकेत है कि यूपी में उद्यम और निवेश के लिए अनुकूल माहौल है.'
धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों पर 6 से 20 कमरों के होटल बनेंगे:
नए नियमों में अब होटल या गेस्ट हाउस निर्माण के लिए ज्यादा खाली स्थान (uncovered area) छोड़ने की जरूरत नहीं है. इसलिए पूरे क्षेत्र में कमरे का निर्माण हो सकेगा जबकि पहले कुल भूमि के 40% पर ही निर्माण कार्य किया जा सकता था. नए नियमों के तहत छोटे बजट होटल बनाने के लिए भी निवेश किया जा सकेगा. पहले ये बाध्यता थी कि 1000 स्क्वेर मीटर (sq. meter) तक जमीन होना जरूरी था पर अब ये बाध्यता हटा दी गयी है.
इससे 6 से 20 कमरों का होटल किसी छोटे जिले में भी बन सकेगा. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थलों में मंदिरों या धर्मस्थल के आस पास जगह कम होने पर भी अब वहां होटल बन सकेंगे, जिससे इसका ज्यादा लाभ पर्यटकों को मिलेगा. होटल निर्माण में एक बदलाव ये भी किया गया है कि भवन की ऊंचाई आसानी से बढ़ाई जा सकेगी. फॉउंडेशन फॉर एकनॉमिक डेवलपमेंट के सार्थक थपलियाल के अनुसार 'होटल निर्माण में ये बदलाव आज के समय और बाजार की जरूरत के लिए महत्वपूर्ण है. होटल के कमरे बढ़ने से होटल इंडस्ट्री को मदद मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा. इससे निवेश भी बढ़ेगा.'
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT