इस्लाम में होली खेलना हराम है और अगर रंग पड़ गया तो क्या होगा? मुस्लिम स्कॉलर से जानिए
UP News: क्या इस्लाम में होली खेलना हराम है? क्या इस्लाम में होली का रंग पड़ना गुनाह है? ये सवाल फिलहाल चर्चाओं में हैं.
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Holi 2025: क्या इस्लाम में होली खेलना हराम है? क्या इस्लाम में होली का रंग पड़ना गुनाह है? ये सवाल फिलहाल चर्चाओं में हैं. दरअसल होली 14 मार्च को खेली जाएगी और इस बार होली और जुम्मा एक ही दिन है. ऐसे में होली और होली के रंग को लेकर इस्लामी नजरिया क्या है? इसको लेकर हमने अलीगढ़ के मुस्लिम स्कॉलर उमैर खान से बात की.
होली और होली रंगों को लेकर इस्लामी नजरिया क्या है?
अलीगढ़ के मुस्लिम स्कॉलर उमैर खान ने होली को लेकर कहा, इस्लाम में होली हराम नहीं है और ना ही रंग हराम है. होली मनाने से आप काफिर नहीं हो जाएंगे. मगर इस्लाम और हदीसों में हिदायतें हैं. अगर दूसरे धर्मों के त्योहारों से बचा जा सकता है तो बचा जाए. होली हिंदुओं का त्योहार है, जैसे ईद मुसलमानों का त्योहार है.
उमैर खान ने आगे बताया, इस्लाम में होली का विरोध नहीं है. ये आपके ऊपर निर्भर करता है. अगर आप होली खेलते हैं तो इस्लाम कोई सख्त हिदायत आपको नहीं देता है. मगर फिर भी अगर बचा जा सकता है तो बचा जाए.
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अलीगढ़ के मुस्लिम स्कॉलर उमैर खान आगे बताया, सुफी और मुगल होली खेलते थे, क्योंकि वह यहां के कल्चर से जुड़े हुए थे. पुराने जमाने में एक ही कल्चर और एकता के लिए होली खेती जाती थी. मुगल भी होली खेलते थे. मगर इस्लाम और हदीसों में साफ है कि दूसरे धर्मों की पूजा-पद्धति में शामिल नहीं होना है. जैसे मस्जिद में इस्लामी कार्य मौलाना ही करवाएगा, वैसे मंदिरों में धार्मिक कार्य पंडित ही करवाएगा.
उमैर खान ने आगे बताया, ऐसे में जो मुसलमान होली खेलते हैं और खेलते आए हैं, वह यहां के कल्चर की वजह से खेलते हैं. उमैर खान ने साफ कहा कि होली खेलने से आप काफिर नहीं हो जाएंगे और होली का रंग पड़ने से कुछ ऐसा नहीं हो जाएगा जिसकी आपको सख्त सजा मिलेगी.