मायावती सरकार में राजा भैया पर दर्ज हुआ था अपहरण का केस, मामले पर अदालत ने दिया ये आदेश
उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ केस वापसी का फैसला अब एमपी एमएलए की विशेष अदालत करेगी.
ADVERTISEMENT
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ केस वापसी का फैसला अब एमपी एमएलए की विशेष अदालत करेगी. इलहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजा भैया की अर्जी मंजूर करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट को पुनः विचार कर मुकदमा रद्द करने के आदेश को सुनने को कहा है. जानकारी के मुताबिक 2010 में ब्लॉक प्रमुख चुनावमें एसपी नेता मनोज शुक्ला ने अपहरण और थाने फायरिंग के मामले में राजा भैया सहित विधान परिषद सद्स्य अक्षय प्रताप सिंह सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस ने चार्ज सीट दायर की थी.
राजा भैया ने हाईकोर्ट में किया था चैलेंज
बता दें कि समाजवादी पार्टी सरकार के समय सीआरपीसी की धारा 321 का प्रयोग करते हुए केस को वापस लेने का निर्णय लिया था. 2014 में संबंधित अदालत में अभियोजन वापसी के लिए अर्जी पेश की गई थी. अर्जी में कहा गया था कि सरकार अब इस केस को नहीं चलना चाहती है, इसे वापस ले लिया जाए लेकिन अदालत में 2017 को इस अर्जी को सरकार की खारिज कर दिया था. इस आदेश को राजा भैया ने हाई कोर्ट में चैलेंज किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस अर्जी मंजूर करते हुए एमपी एमलए कोर्ट को नया निर्णय कोई नया आदेश पारित करने का आदेश दिया है.
सामने आया ये आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि तथ्यों व परिस्थितियों पर गौर करने से स्पष्ट होता है कि इस केस को चलाने पर कानून का भी दुरुपयोग होगा. कोई भी ठोस इसमें सबूत नहीं है. वादी ने भी केस वापस ले लिया है. इस केस में परिस्थितियों व तथ्यों को देखने पर यह पता चला है और राजनीतिक कारणों से यह केस दर्ज किया गया है. इसलिए एमपी एमएलए कोर्ट सरकार के अभियोजन की कार्रवाई वापस लेने के लिए निर्णय पर फिर से विचार करके आदेश पारित करें. जिसपर अब एमपी एमएलए कोर्ट को फैसला देना है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT