ज्ञानवापी: साक्ष्य का वीडियो और फोटो सार्वजनिक करने को लेकर वादी पक्ष के वकीलों में मतभेद

रोशन जायसवाल

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ज्ञानवापी मामले में गौरी श्रृंगार केस को लेकर साक्ष्यों से जुड़े फोटो-वीडियो सार्वजनिक करने की बात पर वादी पक्ष यानी हिंदू पक्ष के वकीलों में मतभेद दिखा. विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने मंदिर पक्ष से ही वकील विष्णु शंकर जैन के इस मामले में बतौर वकील हिस्सा लेने पर ही सवाल उठा दिया है. इसपर विष्णु शंकर जैन ने बताया कि वे 4 महिला वादियों की तरफ से वकील हैं.

मतभेद तब शुरू हुआ जब विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एविडेंस का फोटो वीडियो सार्वजनिक हो. वहीं जितेंद्र सिंह बिसेन नहीं चाहते थे कि फोटो-वीडियो सार्वजनिक हो. विष्णु शंकर जैन के मुताबिक एक्ट उन्हें यह वीडियो सार्वजनिक करने की अनुमति देता है और जब एक्ट ऐसा कहता है तो यह नेशनल सिक्योरिटी का मामला ही नहीं बनता है. ध्यान देने वाली बात है कि जितेंद्र सिंह बिसेन फोटो-वीडियो को नेशनल सिक्योरिटी का मामला बताया है.

कोर्ट ने वादी पक्ष से लिया अंडरटेकिंग लेटर

इधर कोर्ट के सामने एविडेंस सार्वजनिक करने की बात पर अदालत ने अंडरटेकिंग लेटर के बिहाफ पर एविडेंस देने की बात कही है. अदालत ने सोमवार को वादी पक्ष से अंडरटेकिंग लेटर लिया है. लेटर में लिखा गया है कि कमीशन की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की नकल माननीय न्यायालय द्वारा प्राप्त हो रही है. उसे मैं मुकदमें की कार्यवाही हेतु अवलोकन करूंगी. आवश्यकता पड़ने पर अपने अधिवक्ता को दिखाउंगी. वीडियो/फोटो की नकल का कहीं दुरूपयोग नहीं करूंगी.

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