अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: गोंडा में योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि उपेक्षित
पूरी दुनिया में 21 जून यानी कल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के मैसूर पैलस के मैदान में…
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पूरी दुनिया में 21 जून यानी कल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के मैसूर पैलस के मैदान में योग करेंगे, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित राजभवन में योग करेंगे. मगर योग के जनक महर्षि पतंजलि की यूपी के गोंडा में स्थित जन्मभूमि पर कोई दिग्गज नेता योग नहीं करेंगे.
महर्षि की जन्मभूमि पूरी तरीके से उपेक्षित है. केवल कुछ स्थानीय और पतंजलि जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डॉ. भगवदाचार्य द्वारा यहां पर प्रतिवर्ष योग कर महर्षि पतंजलि को याद किया जाता है.
गोंडा जिले के वजीरगंज ब्लॉक में स्थित कोंडर गांव है, जहां 12 किमी की एक विशालकाय कोडर झील है. सामने ही महर्षि पतंजलि जी का जन्म स्थान है. पतंजलि के नाम पर यहां एक चबूतरा बना है और उसके ऊपर महर्षि पतंजलि जी की तस्वीर लगी है, जहां डॉ. भगवदाचार्य स्थानीय लोगों के साथ इस तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाकर महर्षि को नमन करते हैं. इसी प्रांगण में बने एक मंदिर में राम सीता माता लक्ष्मण जी की मूर्ति स्थापित है.
कल यानी 21 जून को स्थानीय निवासी डॉ. भागवदाचार्य के साथ योग करेंगे. सुबह 7 बजे डॉ. भगवदाचार्य के नेतृत्व में योग का कार्यक्रम है फिर व्याख्यान और भंडारे का कार्यक्रम आयोजित करके महर्षि पतंजलि को उनके जन्म भूमि पर याद किया जाएगा.
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इस पूरे इलाके में विकास नाम की कोई भी चीज दिखाई नहीं पड़ी. विशालकाय कोंडर झील भी अपने हाल पर आंसू बहा रही है. गांव में सड़के हैं, लेकिन बहुत जर्जर है. लगभग 3000 की आबादी वाले इस गांव में केवल प्राथमिक स्कूल और पूर्व माध्यमिक स्कूल ही है. यहां ना तो इंटर कॉलेज है, ना डिग्री कॉलेज और ना ही इलाज कराने के लिए कोई अस्पताल है.
गांव के एक सामाजिक कार्यकर्ता महेश ओझा ने बताया कि बड़े दुख की बात है कि जिसके नाम पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है वहां कोई दीपक जलाने नहीं आता है.
गांव के प्रधान प्रतिनिधि विपिन सिंह ने कहा, “यह गर्व की बात है कि हम महर्षि पतंजलि जी के जन्म भूमि के निवासी हैं लेकिन बड़े दुख की बात है पीएम और सीएम लखनऊ-दिल्ली में योग करेंगे, लेकिन यहां नहीं आते हैं.”
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उन्होंने आगे कहा, “हम लोग चाहते हैं कि पीएम-सीएम और बाबा रामदेव जन्म भूमि पर आएं और दीपक जलाएं, ताकि अंतरराष्ट्रीय पटल पर पतंजलि जी के जन्म भूमि का नाम हो सके.”
उन्होंने मांग की है कि यहां पर अंतरराष्ट्रीय योग विश्वविद्यालय हो, कोंडर झील का सुंदरीकरण हो और पतंजलि के नाम पर अस्पताल और कॉलेज हो. स्थानीय निवासी बाबा रामदेव से बेहद नाराज हैं.
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