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कुत्ते खोद रहे थे मिट्टी तो दिखा 17 साल की साक्षी यादव का हाथ, बैग में रखा था सिंदूर फिर सामने आई खौफनाक मर्डर की कहानी

यूपी तक

UP News: प्रयागराज की साक्षी यादव के साथ जो हुआ, उसने हर किसी को हिला कर रख दिया. अगर कुत्ते मिट्टी नहीं खोदते तो साक्षी के शव का भी पता नहीं चलता. ये खौफनाक मर्डर कहानी आपको चौंका देगी.

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UP News: प्रयागराज के लखरांवा गांव के एक बाग में कुछ कुत्ते जमीन की मिट्टी को खोद रहे थे. खोदते-खोदते अचानक बाल नजर आने लगे. फिर एक हाथ भी दिखने लगा. आस-पास के लोगों की नजर जैसे ही सिर के बाल और हाथ पर पड़ी, वह सकते में आ गए और उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दे दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने खुदाई की तो पूरा शव ही बाहर आ गया. ये शव एक युवती का था, जिसकी पहचान साक्षी यादव के तौर पर हुई. फिर ये भी पता चला कि छात्रा गायब थी और उसके परिवार ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी.

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर, उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. जांच में सामने आया कि शव 5 दिन पुराना था. मतलब साफ था कि 10 नवंबर के दिन युवती की हत्या की गई थी और उसके शव को दफनाया गया था. फिर 15 नवंबर के दिन युवती का शव पुलिस को मिला था. पुलिस के सामने आया कि साक्षी की उम्र सिर्फ 17 साल थी और वह क्लास-11 की छात्रा थी. इस दौरान पुलिस को बाग से छात्रा का बैग भी मिला. फिर पुलिस इस मामले का सनसनीखेज खुलासा करते हुए एक फौजी तक पहुंच गई और इसके बाद प्रेम प्रसंग की सनसनीखेज कहानी सामने आ गई.

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साक्षी यादव मर्डर केस की पूरी कहानी

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, साक्षी का जहां शव मिला, उसी बाग में उसका बैग भी पुलिस ने बरामद किया. इस बैग ने इस हत्याकांड के खुलासे में अहम भूमिका निभाई और पुलिस छात्रा के हत्यारे तक पहुंची. बैग में पुलिस को एक नाम लिखा मिला. इसी के साथ एक नंबर भी था. बैग में नाम लिखा था- फौजी हर्षवर्धन सिंह उर्फ दीपक. इसके बाद पुलिस जब छात्रा के घर पहुंची और उसके कमरे की जांच की, उस दौरान भी पुलिस को ये नाम लिखा मिला. इसके साथ लिखा था- जन्मदिन 23. ये साफ था कि जो भी ये शख्स था, वह छात्रा के काफी करीब और उसके लिए खास था.

पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की और क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो उसमें पुलिस को फौजी हर्षवर्धन सिंह उर्फ दीपक छात्रा के साथ नजर आया. यहां तक की घटना वाले दिन भी ये शख्स साक्षी के साथ बाइक पर दिखा. इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने हर्षवर्धन सिंह को हिरासत में ले लिया और उससे सख्त पूछताछ करने लगी. इसके बाद हर्षवर्धन ने पुलिस को जो बताया, उसे सुन हर कोई चौंक गया. 

पुलिस गिरफ्त में खड़ा आरोपी हर्षवर्धन.

हर्षवर्धन से प्यार करती थी साक्षी

हर्षवर्धन की मुलाकात साक्षी से 8 महीने पहले सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. हर्षवर्धन जिस मैदान में दौड़ लगाता था, वहां साक्षी का ममेरा भाई भी दौड़ लगाता था. ऐसे में हर्षवर्धन और साक्षी एक-दूसरे से पहले भी मिल चुके थे. मगर दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता सोशल मीडिया से ही 8 महीने पहले शुरू हुआ था. इसके बाद दोनों के बीच कॉल, वीडियो कॉल और मिलने-जुलने का सिलसिला भी शुरू हो गया था. धीरे-धीरे दोनों रिश्ते में भी आ गए थे. इस दौरान साक्षी हर्षवर्धन के साथ शादी के सपने देख बैठी. वह उससे प्यार करने लगी.

इसी बीच हर्षवर्धन का रिश्ता दूसरी लड़की से तय हो गया था. हर्षवर्धन ने ये बात साक्षी से छिपाने की काफी कोशिश की. मगर इसका कोई फायदा नहीं हुआ और साक्षी को पता चल गया कि हर्षवर्धन की शादी हो रही है. इसके बाद से ही साक्षी काफी भड़की हुई थी और उससे काफी नाराज थी. वह किसी भी कीमत पर हर्षवर्धन को खोना नहीं चाहती थी और उसके साथ ही शादी करना चाहती थी. वह उसके परिवार से मिलना भी चाहती थी. वह युवक पर दबाव भी बना रही थी कि वह अपना रिश्ता तोड़ दे और उसके साथ शादी कर ले. साक्षी को उस समय इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस हर्षवर्धन को वह अपना दिल दे बैठी है, वहीं उसकी जान ले लेगा.

हर्षवर्धन के साथ बाइक पर जाती दिखी साक्षी यादव.

बैग में सिंदूर रखकर पहुंच गई हर्षवर्धन से मिलने

खुद को फंसता देख हर्षवर्धन ने 10 नवंबर के दिन साक्षी को मिलने के लिए बुलाया. साक्षी स्कूल जाने के लिए घर से निकली. मगर वह हर्षवर्धन से मिलने बालसन चौराहे पर पहुंच गई. हर्षवर्धन ने पुलिस को बताया, साक्षी ने आते ही विवाद करना शुरू कर दिया. वह शादी की बात करने लगी. यहां तक की साक्षी अपने बैग में सिंदूर भी लेकर आई. वह हर कीमत पर शादी करना चाहती थी. हर्षवर्धन ने उसे समझाने की काफी कोशिश की. मगर छात्रा मानने के लिए तैयार ही नहीं थी.

हर्षवर्धन ने पुलिस पूछताछ में बताया, उसने साक्षी को बाइक पर बैठाया और उसे घूमाता रहा. अचानक वह उसे एक बाग में ले गया. तभी उसने साक्षी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई और उसे बाग में ही मार डाला. शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने वहां रखे फावड़े से मिट्टी खोदी और उसके शव को दबा दिया.

युवती का हाथ दिखता हुआ.

जब पुलिस को लाश मिली तो बाग में आ गया था आरोपी

जांच में ये भी सामने आया है कि साक्षी की हत्या करने के बाद हर्षवर्धन उर्फ दीपक फरार नहीं हुआ. वह अपने घर चला गया. जब उसे पता चला कि पुलिस ने साक्षी के शव को खोज लिया है तो वह उसी बाग में आ गया. इस दौरान वह पुलिस की कार्यशैली पर नजर रखने लगा. मगर आखिर में पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूरे मामले का खुलासा कर दिया. आपको ये भी बता दें कि हर्षवर्धन की शादी 30 नवंबर के दिन होनी थी. मगर अब पुलिस ने उसे साक्षी यादव की हत्या के मामले में जेल भेज दिया है.

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