अष्टमी और नवमी को लेकर है कन्फ्यूजन तो यहां कर लें दूर, जानें पूजा करने का सही समय और मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है और इस बार नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर, विजयादशमी यानी दशहरा पर होगा.शारदीय नवरात्रि में दो दिन बहुत ही खास माने जाते हैं पहली अष्टमी तिथि और दूसरी नवमी तिथि. इसीलिए, इन्हें महाअष्टमी और महा नवमी कहते हैं.
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शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है और इस बार नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर, विजयादशमी यानी दशहरा पर होगा.शारदीय नवरात्रि में दो दिन बहुत ही खास माने जाते हैं पहली अष्टमी तिथि और दूसरी नवमी तिथि. इसीलिए, इन्हें महाअष्टमी और महा नवमी कहते हैं. महाअष्टमी तिथि के दिन नवदुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजी की जाती है. साथ ही महा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है.
इस बीच श्रीदुर्गाष्टमी, नवमी और विजयदशमी (दशहरा) के विषय में श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल 11 अक्टूबर को नवमी अष्टमीविद्धा और 12 अक्टूबर को दशमी है. महंत रोहित शास्त्री के अनुसार, विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन सुबह 11 बजे के बाद किया जा सकता है.
महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि जो भक्त अष्टमी को साख विसर्जन एवं कन्या पूजन करना चाहते हैं वह 11 अक्टूबर (शुक्रवार) दोपहर 12 बजकर 07 मिनट के पहले कर सकते हैं. वहीं जो भक्त नवमी को साख विसर्जन एवं कन्या पूजन करना चाहते हैं वह 12 अक्टूबर (शनिवार) सुबह 10 बजकर 59 मिनट के पहले कर सकते हैं. अगर किसी कारणवश भक्त अष्टमी या नवमी तिथि को साख प्रवाहित एवं कन्या पूजन नहीं कर पाये तो चतुर्दशी तिथि को साख प्रवाहित एवं कन्या पूजन कर सकते हैं.
नवरात्र के नौ दिनों की सारी उपयोग में लाई सामग्री, कलश, परात में बोये ज्वार के अंश (देवी दुर्गा की साख) मिट्टी और अन्य सभी चीजों को किसी तालाब या नदी में बहा देना चाहिए. साख के साथ पॉलीथीन ना डालें इस से जल प्रदूषण होता है इस बात का विशेष ध्यान रखें.
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कन्या पूजन की क्या है मान्यता
धर्म ग्रंथों के अनुसार तीन साल से लेकर नौ साल की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं. कन्या पूजा के बिना नवरात्र का अनुष्ठान संपन्न नहीं होता. इस दिन देवी दुर्गा के भक्त कन्या पूजन भी करते हैं. मान्यता के अनुसार कुछ परिवारों में कन्या पूजन अष्टमी के दिन होता है तो कुछ में नवमी के दिन. इन कन्याओं को मां दुर्गा के नौ रूपों के नौ स्वरूप को मानकर इनकी पूजा की जाती है. इस दिन दुर्गा मां की पूजा के बाद कंजकों (कन्याओं) को भोजन कराया जाता है. नौ कन्याओं के साथ ही एक लड़के को भी भोजन कराया जाता है. कन्या पूजन से पहले कन्याओं के पैर साफ पानी से धोएं फिर तिलक लगाकर मौली बांधे. व्रती के घर में इस दिन खीर, पूड़ी, हल्वा और काले चने बनाए जाते हैं और कन्याओं को खिलाया जाता है. व्रती सभी कन्याओं से आशीर्वाद लेकर इन्हें भेंट स्वरूप कुछ गिफ्ट या दक्षिणा देते हैं.
इन मंत्रों से करें कन्याओं से प्रार्थना
मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्। नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।
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जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि। पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।
।। कुमार्य्यै नम:, त्रिमूर्त्यै नम:, कल्याण्यै नमं:, रोहिण्यै नम:, कालिकायै नम:, चण्डिकायै नम:, शाम्भव्यै नम:, दुगायै नम:, सुभद्रायै नम:।।
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राशि अनुसार करें इन चीजों का दान
मेष राशि - इस दिन आप कन्याओं को लाल वस्त्र, लाल रुमाल,लाल कंगन, राजमाश,गुड़,नारियल,घी, केसर,21रुपए कन्याओं को भेंट करें.
वृष राशि - चांदी के कोई आभूषण, आटा,चीनी, चावल,दूध, सफेद वस्त्र भेंट स्वरूप दे सकते हैं.
मिथुन राशि -इस दिन आप कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र,कांसे का कोई बर्तन, मूंग की दाल, घी, हरा फल आदि कन्याओं को भेंट करें.
कर्क राशि- इस राशि के लोगों के लिए कन्याओं को चांदी की कोई वस्तु जैसे थाली,गिलास, चम्मच,चावल,मिश्री, सफेद वस्त्र, दूध आदि कन्याओं को भेंट करें.
सिंह राशि - स्वर्ण के आभूषण,तांबे का बर्तन, गुड, घी, माता की लाल चुनरी, केसर और 11 रुपए भेंट करें.
कन्या राशि- कन्या राशि के लोगों के लिए कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र,चांदी के सिक्के,किताबे कन्याओं को भेंट करें.
तुला राशि- तुला राशि के व्यक्ति भी कन्याओं को कोई सफेद रंग के वस्त्र कपड़ा, चावल,आटा भेंट करें.
वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के लोग कन्याओं को माता की लाल रंग के वस्त्र, गुड़, घी आदि भेंट करें.
धनु राशि - पीले रंग के वस्त्र,कांस्य पात्र,हल्दी, घी, केले आदि भेंट करें.
मकर राशि - चांदी के सिक्के,लोहे की कोई चीज,नीले रंग के वस्त्र, तेल या आयनमेंट आदि का भेंट करें.
कुंभ राशि - चांदी के कंगन, मकर के समान ही कुंभ राशि के लोग भी कन्याओं को नीले रंग के वस्त्र आदि भेंट करना कल्याण कारी रहता है.
मीन राशि- पीले रंग के वस्त्र, सोने के आभूषण, हल्दी आदि कन्या को अवश्य भेंट करें.
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