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यूपी के सभी जिलों के DM को सीएम योगी ने डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया, इनमें किसे रखा जाएगा?

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हर जिले में डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश दिया गया है, ताकि विदेशी नागरिकों का सत्यापन कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जा सके.

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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं. सीएम ने अधिकारियों और जिलों के डीएम को हर जिले में डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश दिए हैं. सीएम योगी ने विदेशी नागरिकता वाले अवैध रूप से भारत में आए लोगों को सत्यापित करने के अभिलंब कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने कहा है कि ऐसे लोग जो विदेशी हैं और अवैध रूप से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में घुस आए हैं उन्हें पहले डिटेंशन केंद्र में रखें और फिर सत्यापन करके वापस भेजे जाएं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिटेंशन केंद्रों में रखे गए अवैध घुसपैठियों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनके मूल देशों में निर्वासित (डिपोर्ट) किया जाएगा. आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से लगातार योगी सरकार घुसपैठियों पर कार्रवाई की कोशिश करती रही है. 2019 के सर्वे में यूपी में 10 लाख से ज्यादा बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी घुसपैठियों की संख्या का अनुमान भी था, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. 

माना जाता है कथित तौर पर पश्चिम बंगाल, असम के लोग ज्यादातर सफाई से जुड़े कामों में लखनऊ और उत्तर प्रदेश में मौजूद है. इनमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी हो सकते हैं इसलिए नगर निगम लगातार ऐसे लोगों का सत्यापन कर रहा है. नगर निगम की शक्ति के बाद अब सफाई कर्मी वापस असम जाने लगे हैं. ज्यादातर लोगों ने अपने दस्तावेज लखनऊ में और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी बनवा रखे हैं. अब योगी सरकार के डिटेंशन सेंटर बनाए जाने के निर्देश के बाद ऐसे घुसपैठियों में अफरा तफरी मच सकती है. 

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दिल्ली से सटे एनसीआर खासकर गाजियाबाद, नोएडा के अलावा के लखनऊ और सीमावर्ती जिलों जैसे महाराजगंज से लेकर पीलीभीत तक घुसपैठियों की आवाजाही और बसने के कई मामले सामने आए हैं. अकेले लखनऊ शहर में असम और पश्चिम बंगाल से हजारों सदिग्ध लोगों के होने की आशंका है. अब इनके सत्यापन की शुरुआत हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि खुद को असम का बताने वाले ज्यादातर लोगों ने अपने आधार कार्ड, राशन कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बनवा सकते हैं. इससे प्रशासन के लिए स्थानीय और बाहरी में भेद करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में डिटेंशन सेंटर में संदिग्ध घुसपैठिये रखे जाएंगे और सत्यापन के बाद उन्हें वापस भेजा जाएगा.

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