Budget 2024: सपा चीफ अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट को लेकर कही ये बड़ी बात
UP News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट में कई बड़ी घोषणाएं की और नए टैक्स स्लैब का भी ऐलान कर दिया. अब अखिलेश यादव और मायावती ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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UP News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट में कई बड़ी घोषणाएं की और नए टैक्स स्लैब का भी ऐलान कर दिया. बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं के साथ जोड़ा गया. बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं समेत हर वर्ग के लिए ऐलान किए गए हैं. अब बजट को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों की प्रक्रिया भी सामने आने लगी है.
सपा चीफ अखिलेश यादव ने बजट पर ये कहा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट पर अपनी बात रखी. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सपा चीफ अखिलेश ने कहा, अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की स्थिति क्या है? इनके जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह कभी समय पर पूरे नहीं हुए.
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अखिलेश यादव ने आगे कहा, अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है?
10 सालों में बेरोजगारी बढ़ गई- अखिलेश यादव
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा, बेरोजगारी भाजपा सरकार ने बढ़ाई है. पिछले 10 सालों में कितनी बेरोजगारी बढ़ गई है. इसको कैसे कम किया जाए? इसको लेकर कुछ नहीं है. बजट में सिर्फ ट्रैनिक का सपना दिखाया गया है. ये आधी-अधुरी नौकरी है. देशा का युवा पक्की नौकरी चाहता है.
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बसपा चीफ मायावती ने दिया बजट को लेकर ये रिएक्शन
सोशल मीडिया X पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. बसपा सुप्रीमो ने कहा, संसद में आज पेश केंद्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा.
क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?- मायावती
मायावती ने आगे ट्वीट किया, ‘देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?
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