मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल पर ही बस्ती पुलिस ने कर लिया कब्जा! कमरों में चल रही चौकी
उत्तर प्रदेश की पुलिस भी अजीब है क्योंकि यह अपने काम से कम, अपने कारनामों से ज्यादा जानी जाती है. जिन पुलिसवालों के कंधे पर…
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उत्तर प्रदेश की पुलिस भी अजीब है क्योंकि यह अपने काम से कम, अपने कारनामों से ज्यादा जानी जाती है. जिन पुलिसवालों के कंधे पर जनता की रखवाली करने की जिम्मेदारी होती है, अगर वही इसका उल्टा करने लगे तो आप समझ जाइए कि यह उत्तर प्रदेश की पुलिस नहीं है, बल्कि उल्टा प्रदेश की पुलिस है. चौंकिए नहीं हम सच कह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में इन दिनों बस्ती पुलिस का एक ऐसा कारनामा आया है, जिसमें पुलिस को बस्ती में बने नए मेडिकल कॉलेज की रखवाली करने को दी गई थी, लेकिन अब पुलिस वालों ने मेडिकल कॉलेज के कई कमरों पर कब्जा जमा लिया है. आलम यह है कि यही पुलिस वाले मेडिकल कॉलज प्रशासन के लाख उपायों के बाद भी टस से मस नहीं हो रहे हैं.
बस्ती पुलिस के इस अवैध कब्जे की वजह से मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहीं छात्राएं परेशान हैं. उनकी पढ़ाई रुक गई है,. आलम ये है कि गर्ल्स हॉस्टल पर पुलिस वालों ने कब्जा जमा लिया है और उसमें पुलिस चौकी का संचालन किया जा रहा है.
मेडिकल कॉलेज बस्ती के परिसर में बने गर्ल्स हॉस्टल में रामपुर पुलिस चौकी चल रही है. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने यहां के आठ कमरों में अपना आशियाना भी बना लिया है. साल 2018 से चली आ रही यह व्यवस्था अब नर्सिंग की छात्राओं पर भारी पड़ रही है.
अक्टूबर 2022 में पहली काउंसलिंग के बाद 53 छात्राओं का चयन किया जा चुका है. इनकी कक्षाएं भी 16 नवंबर से शुरू हो गई हैं, लेकिन हॉस्टल खाली न होने के कारण प्रवेश लेने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों की रहने वालीं छात्राएं क्लास अटैंड न कर पाने के कारण घर लौट गई हैं. वे हॉस्टल खाली होने का इंतजार कर रही हैं.
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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने एसपी बस्ती को दो बार पत्र लिखकर हॉस्टल खाली कराने की मांग की है. मेडिकल कॉलेज परिसर में बने 14 कमरों के इस छात्रावास के आठ कमरों में चौकी का संचालन और पुलिसकर्मी निवास कर रहे हैं.
दरअसल, बस्ती मेडिकल कॉलेज कि जब स्थापना हुई थी तो कॉलेज की रखवाली के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को अस्थाई तौर पर रहने की जगह दी थी, क्योंकि उस समय पुलिस का कहना था कि जब स्थाई चौकी का निर्माण होगा तो पुलिस उसमें शिफ्ट कर जाएगी. लेकिन अब आलम यह है कि पुलिस वाले वहीं पर जम गए हैं और हटने का नाम नहीं ले रहे हैं.
थक हारकर बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दो बार पुलिस अधीक्षक से पत्र लिखकर जगह को खाली करने का आग्रह किया.
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एसपी को दिए गए पत्र में महर्षि वशिष्ठ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय रामपुर के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि महाविद्यालय के कैम्पस में स्थापित पुलिस चौकी नर्सिंग हॉस्टल में संचालित है. साथ ही इस हॉस्टल में पुलिस कर्मी भी निवास करते हैं. मेडिकल कॉलेज कैम्पस के नर्सिंग हॉस्टल में स्थापित पुलिस चौकी और यहां रह रहे पुलिसकर्मियों को यहां से हटवाकर हॉस्टल खाली कराने के लिए मांग पूर्व में भी की गई थी.
पत्र में आगे कहा गया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश नर्सेज और मिडवाइब्ज कौन्सिल लखनऊ स्तर से बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 60 सीट की अनुमति प्रदान की गई है. अक्टूबर 2022 के अंतिम सप्ताह में बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छात्राएं आ गई हैं, लेकिन वर्तमान में छात्राओं के निवास के लिए मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्मित हॉस्टल में पुलिसकर्मी निवास कर रहे हैं. ऐसे में अनुरोध है कि हॉस्टल में चल रही रामपुर चौकी और यहां रह रहे पुलिसकर्मियों से हॉस्टल खाली कराएं, जिससे नर्सिंग की छात्राएं यहां निवास कर सकें.
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वहीं मामले को लेकर जिले के एडिशनल एसपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया, “रामपुर मेडिकल कॉलेज कैंपस में हमारी एक चौकी स्थापित है, जो कतिपय कारणों से स्थापित की गई थी, क्योंकि वहां पर कुछ छात्रों की समस्याएं थीं और कुछ ऐसे शरारती तत्व थे जो कार्यों में बाधा डालते थे. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने पत्र लिखा है और हम लोग भी विचार कर रहे हैं कि चौकी को कहां ले जाया जाए, लेकिन जब तक कोई स्थाई व्यवस्था ना हो जाए तब तक वहां से चौकी हटाना संभव नहीं है. मगर गर्ल्स हॉस्टल के 6 कमरों से कब्जा हटवाकर सीमित कराया जाएगा और मेडिकल कॉलेज प्रशासन का सहयोग किया जाएगा.”
बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार ने बताया कि साल 2019 में जब मेडिकल कॉलेज बन रहा था तो, हम लोगों ने जिला प्रशासन से पुलिस चौकी की मांग की थी तो उस समय सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने एक टेंपरेरी जगह की मांग मेडिकल कॉलेज से की थी. जिस पर उन्हें अस्थाई तौर पर रहने को दिया गया था, लेकिन हमें अब नर्सिंग की अनुमति मिल गई है और अब छात्र-छात्राओं दाखिले हो रहे हैं.
उन्होंने आगे बताया कि इस संदर्भ में दो बार पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन पत्र पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. नर्सिंग की कक्षाएं शुरू होने वाली हैं. इन हॉस्टलों में छात्राओं को रहना है, क्योंकि छात्र तो बाहर भी रह लेंगे, लेकिन जो छात्राएं हैं इन्हीं हॉस्टल में रहेंगी. नर्सिंग हॉस्टल में कुल 14 कमरे हैं जिसमें 8 कमरों पर पुलिस ने कब्जा कर रखा है. 1 दिसंबर से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी ,जिससे हमें बड़ी ही मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
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