5% कमीशन के आरोप के बाद अब जमीन का बड़ा घोटाला, IAS अभिषेक प्रकाश इसमें भी फंसे?
IAS Abhishek Prakash News: लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट में 20 करोड़ रुपये की गड़बड़ी उजागर हुई, जिसमें तत्कालीन डीएम सहित 18 अधिकारी दोषी पाए गए।
ADVERTISEMENT

IAS Abhishek Prakash News: उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है. अब IAS अभिषेक प्रकाश से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आई है. आपको बता दें कि आईएएस अभिषेक प्रकाश अब डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी फंस सकते हैं. इस घोटाले की जांच में अभिषेक प्रकाश समेत 18 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है. राजस्व परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपी थी. जांच में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार सहित कई अफसर दोषी पाए गए थे.
जानकारी के मुताबिक, डिफेंस कॉरिडोर के लिए लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत का चयन किया गया था. ब्रम्होस मिसाइल के अलावा रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां अपने लिए भूमि तलाश रही थीं. इससे भटगांव में भूमि की दरें आसमान छूने लगीं थीं. जमीन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भू-माफिया सक्रिय हो गए और तहसील अफसरों की मिलीभगत से कॉरिडोर के लिए जिस जगह जमीन का अधिग्रहण होना था वहां किसानों से सस्ती दर में भूमि खरीद लीं.
अधिग्रहण की प्रक्रिया में फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर आवंटियों के नाम जोड़े गए. खरीद-फरोख्त में नियमों की अनदेखी की गई. पट्टे की असंक्रमणीय श्रेणी की भूमि को नियमानुसार बेचा नहीं जा सकता था, उसको पहले संक्रमणीय कराया गया और फिर बेचा गया. जिन लोगों का जमीन पर वास्तविक कब्जा नहीं था उनको मालिक दिखाकर मुआवजा दिलाया गया. मालिकाना हक की जांच के बिना ही अफसरों ने मुआवजा वितरित कर दिया.
यह भी पढ़ें...
जांच रिपोर्ट के अनुसार, भटगांव की करीब 35 हेक्टेयर जमीन के लिए 45.18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे. इसमें से करीब 20 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई. जांच में यह भी सामने आया था कि तहसील में तैनात तत्कालीन अफसरों ने अपने रिश्तेदारों और नौकरों तक को जमीन दिलाकर करोड़ों रुपये मुआवजा हड़प लिया था. इस मामले में तत्कालीन डीएम और एडीएम स्तर के अधिकारियों की भूमिका सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रजनीश दुबे से इसकी जांच कराई थी. जांच में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार सहित कई अफसर दोषी पाए गए थे. इस जांच रिपोर्ट को लेकर कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है, जबकि बाकियों पर अभी कार्रवाई लंबित है.
अभिषेक प्रकाश क्यों हुए सस्पेंड?
साल 2006 बैच के आईएएस अधिकारी और ‘इन्वेस्ट यूपी’ के CEO अभिषे प्रकाश को सौर उद्योग के एक निवेशक द्वारा एक शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबित किया गया. शिकायत में निवेशक ने आरोप लगाया था कि बिचौलिये निकंत जैन ने उससे प्रकाश के नाम पर परियोजना की मंजूरी के लिए 5% कमीशन की मांग की थी. जैन को गिरफ्तार किया गया है.
आपको बता दें कि ‘इन्वेस्ट यूपी’ राज्य की निवेश संवर्द्धन और सुविधा एजेंसी है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना और सुविधा प्रदान करना है. प्रकाश इसके सीईओ के रूप में कार्यरत थे.